32 साल के मुस्लिम युवक को हिंदू युवती से प्यार हो गया। दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। इसके 5 साल बाद वह पत्नी के साथ मंदिर पहुंचा। जहां उसने सनातन धर्म अपना लिया।
प्यार के लिए मजहब बदलने वाली ये लव स्टोरी मंदसौर की है। यहां के नाहरगढ़ क्षेत्र के कचनारा गांव के रहने वाले अफसर पिता रुस्तम मंसूरी ने हिन्दू धर्म अपना लिया। अब वह अफसर मंसूरी से कृष्णा सनातनी हो गया है। धर्म परिवर्तन के लिए वह अपनी पत्नी राधा और ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मंदसौर के गायत्री मंदिर पहुंचे। यहां धार्मिक कर्मकांड से उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
गायत्री परिवार के पंडित नरेश त्रिवेदी ने सनातन अपनाने की प्रक्रिया पूरी कराई। उन्हें गोबर-गोमूत्र, दूध,दही और शहद से स्नान करवाया गया। गोमूत्र और पंचामृत भी पिलाया गया। सनातनी वस्त्र पहनाए, साथ ही मंत्रोच्चार कर हवन पूजन किया गया। प्रक्रिया तीन घंटे तक चली। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अफसर अब कृष्णा सनातनी बन गए।
मंदिर में की थी शादी
अफसर मंसूरी से कृष्णा सनातनी बन गए युवक ने बताया- मैं
पेशे से ड्राइवर हूं। मैं गांव से राजस्थान के उदयपुर में अस्पतालों में
लगने वाले कैंप में मरीजों को लेकर जाता था। कभी-कभी मेरे साथ मरीजों की
देखभाल के लिए राधा नाम की युवती भी साथ जाती थी। राधा पास के ही गांव
कयामपुर की रहने वाली है। एक बार मैंने उसे एक पर्चा दिया, इसमें कैंप में
जाने वाले मरीजों के नंबर थे। इसमें मेरा भी नंबर था। ऐसे ही हम दोनों के
नंबर शेयर हुए। हम दोनों में बातचीत होने लगी। राधा मेरे साथ मरीजों को
लेकर जाने लगी। हम दोनों के बीच प्रेम बढ़ा तो हमने शादी करने का फैसला
किया। मैं शुरू से ही अपने परिवार से अलग रहता था। हम दोनों ने पांच साल
पहले एक मंदिर में शादी कर ली। मेरी शुरू से ही हिंदू धर्म में रुचि थी।
इसलिए मैंने मंदिर में विवाह किया था।
5 साल से बनना चाहता था सनातनी
युवक ने बताया कि शुरू
से ही सनातन धर्म में आस्था रही है। मुस्लिम धर्म में रहते हुए भी कई बार
मैं मंगलवार का व्रत रखता था। पिछले 4-5 सालों से मैं सनातनी बनना चाहता
था। लेकिन मुझे कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। कुछ समय पहले कृष्ण सनातनी से
उनकी मुलाकात हुई। मैंने उनसे पूरी जानकारी ली। उन्होंने मुझे पूरी
प्रक्रिया समझाई। इसके बाद सोमवार को गायत्री मंदिर में मैंने सनातन धर्म
अपनाया है।
मप्र में 7 महीने में 24 लोग बने सनातनी
मध्यप्रदेश
में पिछले 7 महीने में 24 लोग सनातनी बने हैं। रतलाम में एक ही परिवार के
18 लोगों ने मजहब बदला था। इसके पहले नवंबर में गुना की रहने वाली नाजनीन
बानो नैंसी बन गई थी। उसने प्यार की खातिर मजहब बदला था। वहीं मंदसौर में 7
महीने में 6 लोगों ने अपना महजब बदला है। 27 मई को शेख जफर कुरैशी ने
सनतान धर्म अपनाया था। जिसके बाद उन्होंने कहा था कि मैंने घर वापसी की है।
जफर घर वापसी कर चैतन्य सिंह राजपूत बने थे। इसके बाद 9 सितंबर को जोधपुर
की इकरा सनातन धर्म अपनाकर इशिका बनी थी।
वहीं 30 सिंतबर को निसार मोहम्मद हिंदू धर्म अपनाकर सोनू सिंह बन गए थे। अक्टूबर में भी एक शख्स ने धर्म बदला इसके बाद नाजनीन बानो ने सनातनी धर्म अपनाया है। अब अफसर मंसूरी कृष्णा सनातनी बन गए हैं। जफर शेख के चैतन्य सिंह बनने के बाद उनकी धर्म परिवर्तन के मामलों में अहम भूमिका रही है।