मध्यप्रदेश के अशोकनगर से सिंधिया समर्थक BJP विधायक जजपाल सिंह जज्जी मुश्किल में फंस गए हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने के आदेश और धोखाधड़ी की FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हालांकि जांच में सामने आया कि जजपाल सिंह जज्जी ने लगातार ‘सामाजिक पहचान’ बदली है। कभी वह OBC बन गए, तो कभी खुद को SC का बताया। कभी अनारक्षित सीट से भी चुनाव लड़ लिए।
यह खुलासा 9 दिसंबर को आए ग्वालियर हाईकोर्ट के ऑर्डर में हुआ है। कोर्ट में ट्रायल के दौरान जज्जी ने स्वीकार किया कि OBC का सर्टिफिकेट गलती से बन गया था। हालांकि, फिर भी इस प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ लिए। 5 साल तक नगरपालिका अध्यक्ष भी बने रहे। कोर्ट ने दलीलों को नहीं माना।
पहले मामला जान लेते हैं
वर्ष 2018 में जजपाल सिंह जज्जी ने कांग्रेस के टिकट पर अशोकनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। यह सीट SC के लिए रिजर्व है। भाजपा की ओर से लड्डूराम कोरी प्रत्याशी थे। लड्डूराम कोरी यह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने जज्जी के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि जज्जी जिस जाति के हैं, वह पंजाब में तो SC में आती है, लेकिन मध्यप्रदेश में वह सामान्य में आती है। इसी आधार पर उन्होंने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की थी। हालांकि, 2020 में जज्जी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर वह चुनाव लड़े और जीते थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे को 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
अब कोर्ट की कार्रवाई के बारे में जानते हैं
ग्वालियर
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाण पत्र
निरस्त कर दिया है। साथ ही, कोर्ट ने SP को निर्देश दिए हैं कि उन पर
धोखाधड़ी की FIR दर्ज करें। इसके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष को भी उनकी
विधायकी समाप्त करने के लिए पत्र लिखा है। अब सिंधिया समर्थक जज्जी पर
विधायकी जाने की भी तलवार लटक गई है। 2018 में जज्जी से चुनाव हारे भाजपा
प्रत्याशी लड्डूराम कोरी की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
जज्जी ने विधायकी से पहले भी कई चुनाव लड़े
कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई बातें सामने आईं। जजपाल सिंह ने विधायकी से पहले और भी कई चुनाव लड़े। हर बार उन्होंने अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र लगाए। कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा- "यह साफ है कि रेस्पोंडेंट (जजपाल सिंह) ने बार-बार सामाजिक स्टेटस बदला, ताकि वह चुनाव लड़ सके।"