छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को 76 फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी पारित विधेयक पर राजनीति बढ़ती ही जा रही है। बुधवार को जहां राजभवन ने राज्य सरकार से 10 सवालों के जवाब मांगे हैं, वहीं गुरुवार को सरकार के प्रवक्ता और संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने सवाल किया है कि अगर राज्यपाल संतुष्ट नहीं हैं तो विधेयक को वापस क्यों नहीं लौटा दे रहीं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राज्यपाल भाजपा के नेताओं जैसे सवाल उठा रहीं हैं, यह उचित नहीं है। वहीं प्रदेश साहू संघ ने अपने सभी जिलाध्यक्षों को चिट्ठी जारी कर राज्यपाल के आतिथ्य वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द करने के निर्देश दिए हैं। जबकि भाजपा एससी मोर्चा शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात कर अपने 16 फीसदी आरक्षण की बहाली की मांग करेगी।
समस्त जानकारी दे चुकी है सरकार: संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, इस मामले में सरकार को जितनी जानकारियां देनी चाहिए थी, उतनी दे दी गई है। अब न्यायालय में मामला जाएगा तो सरकार क्या पक्ष रखेगी, ऐसा प्रश्न लाजमी नहीं है। न्यायालय, राज्यपाल के कार्यालय और राज्य सरकार के कार्यों की अपनी सीमाएं हैं। महामहिम हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं।
अब राजभवन के कार्यों से ऐसा लगता है कि जिस प्रकार की बयानबाजी डॉ. रमन सिंह कर रहे हैं, भाजपा के नेता लोग कर रहे हैं उस प्रकार के प्रश्नों को राज्यपाल सरकार से करेंगी तो मैं समझता हूं कि यह उचित नहीं है। अगर विधेयक पर पुनर्विचार कराना है तो इन प्रश्नों के साथ विधेयक को लौटा देना चाहिए। विधानसभा को यह लौटाया जा सकता है। हमारी मांग है कि जो विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर भेजा गया है महामहिम को उस पर हस्ताक्षर करना ही चाहिए।
58 – प्रतिशत आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
- अगर कोर्ट सरकार के पक्ष में निर्णय देती है तो रूकी नियुक्तियां हो पाएंगी।
- कोर्ट अपील रद कर देती है तो नए आरक्षण का इंतजार करना होगा।
आरक्षण पर 100 बिंदुओं का रोस्टर तैयार
राज्यपाल ने इसके लिए सचिव स्तरीय समिति गठित की थी। समिति ने 100 बिंदुओं पर रोस्टर तय किया है। समिति राज्य, राज्य के बाहर, जिले, संभाग, छत्तीसगढ़ भवन और सदन में पदों पर नियुक्ति के लिए एससी, एसटी, ओबीसी, अनारक्षित व ईडब्ल्यूएस के लिए रोस्टर तय कर रही है। इसकी रिपोर्ट जल्द राज्यपाल को सौंप दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इसका राजपत्र में प्रकाशन होगा, तब रोस्टर का उल्लेख उसमें किया जाएगा। रोस्टर तो पहले से ही तैयार था। राज्य बनने के बाद 22 सालों में यह पहला विधेयक है जिस पर सवाल खड़े कर अटकाया गया है।
16 फीसदी आरक्षण के लिए भाजपा एससी मोर्चा सौंपेगा ज्ञापन
भाजपा
एससी मोर्चा कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किए गए अनुसूचित जाति को 16
फीसदी आरक्षण पूरा करने की मांग लेकर शुक्रवार को राजभवन जाएगी। एससी
मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय व पुन्नूलाल मोहिले के नेतृत्व
में पदाधिकारी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर 16 फीसदी आरक्षण दिलाने की मांग
करेंगे। नए विधेयक में एससी का आरक्षण 13 प्रतिशत कर दिया गया है।
साहू समाज की अपील- हस्ताक्षर नहीं हुए तो आंदोलन करेंगे
प्रदेश
साहू संघ के अध्यक्ष टहल सिंह साहू ने सभी जिलाध्यक्षों को एक चिट्ठी जारी
की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि राज्यपाल से विधेयक पर दस दिन के अंदर
हस्ताक्षर करने का आग्रह किया गया है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो समाज आंदोलन के
लिए बाध्य होगा। ऐसे में आगामी आदेश तक राज्यपाल को अतिथि के रुप में बुलाए
गए समाज के सभी कार्यक्रमों को स्थगित किया जाए।