रूस सैनिकों के कब्जे से छुड़ाए गए यूक्रेन के इलाके में कई सारे टॉर्चर चेंबर मिले हैं। यूक्रेनी संसद के मानवाधिकार कमिशनर डिमिट्रो लुबनेट्स ने इसकी जानकारी दी है। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि हाल ही में रूस से आजाद कराए गए खरसोन में 10 टॉर्चर चेंबर मिले हैं। इनमें से एक टॉर्चर सेंटर केवल बच्चों के लिए था। जिसमें नाबालिगों को यातनाएं दी जाती थी।
डिमिट्रो ने बताया कि बच्चों को खतरनाक ठंड में बिल्कुल पतली चटाईयों पर रखा जाता था। उन्हें पानी भी दो दिन में एक बार दिया जाता था और खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता था।
90 दिन तक कैद में रहा 14 साल का लड़का
बलाक्लिया कस्बे से 90 दिनों तक कैद में रखे गए एक 14 साल के बच्चे को यूक्रेन ने छुड़ाया है। लुबिनेट्स ने बताया कि रूस की कैद से छुड़ाए गए बच्चे के शरीर पर चाकू और गर्म से दागे जाने के कई घाव मिले हैं।लुबिनेट्स के मुताबिक उस लड़के को रूसी सेना ने सिर्फ इसलिए कैद में रखा था क्योंकि उसने कुछ टूटे हुए रूसी सामान की फोटो खींच ली थी।
जंग के दौरान यूक्रेन से भी गलत तरह से बच्चों को रूस भेजने का दावा
जंग के दौरान यूक्रेन से भी हजारों बच्चे रूस भेजे गए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का दावा है कि युद्ध में अब तक 2 लाख से ज्यादा बच्चों को किडनैप कर रूस भेज गया है।
NYT और अलजजीरा की रिपोर्ट ने दावा किया है कि इन बच्चों को वहां के लोगों ने गोद लिया है। जंग से पहले रूस में विदेशी बच्चों को गोद लेना गैरकानूनी था। मई 2022 में पुतिन ने कानून बदलकर विदेशी बच्चों को गोद लेने का अधिकार दे दिया।
सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थोमस ग्रीनफिल्ड ने कहा था कि अकेले जुलाई 2022 में 1800 से ज्यादा किडनैप किए गए यूक्रेनी बच्चों को रूस के लोगों ने गोद लिया है। हालांकि, अमेरिका के इन आरोपों को रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने गलत बताया और कहा कि पोलैंड और यूरोपीय संघ की तरह ही रूस में भी यूक्रेन के लोगों के लिए शरणार्थी कैंप बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यू्क्रेन या रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्र से 600,000 बच्चे और यूक्रेनी रूस पहुंचे, जिन्हें जेलों में नहीं बल्कि राहत शिविर में रखा गया है।