मध्यप्रदेश के मनावर में इन दिनों एक शादी की चर्चा जमकर हो रही है। करीब 10 हजार किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया से एक युवक यहां की लड़की से शादी करने आया है। ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रहने वाले ऐश हॉन्सचाईल्ड ने मनावर की तबस्सुम हुसैन से रविवार को निकाह कर लिया।
विदेशी दूल्हे को देखते रह गए लोग
तबस्सुम
से शादी करने ऑस्ट्रेलिया से आया ऐश हांन्सचाइल्ड जब घोड़ी पर सवार होकर
निकला, तो लोग इस विदेशी दूल्हे को देखते रह गए। ऐश ने सिर पर सेहरा बांध
रखा था, साथ ही शेरवानी भी पहनी। बारात के दौरान दूल्हा बने ऐश भी बैंड
बाजे की धुन पर नाचते नजर आए। बाराती बने रिश्तेदारों ने भी जमकर डांस
किया। दूल्हे की मां जेनियर पैरी भी रास्तेभर थिरकती रही। वहीं दुल्हन की
मां जुलुखा हुसैन की आंखों में खुशी के आंसू छलकते दिखे। पिता सादिक हुसैन
रास्तेभर घोड़े को पकड़कर चलते रहे। दोनों भाई और दोस्त बारात में नाचते चल
रहे थे।
दोनों की शादी भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार हुई। विदेशी दूल्हे के स्वागत को लेकर यहां के लोगों में बड़ा उत्साह दिखा। दोनों की लव स्टोरी तब शुरू हुई जब तबस्सुम पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थीं।
2 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया में की कोर्ट मैरिज
तबस्सुम
के भाई रेहन हुसैन ने बताया कि ऐश हॉन्सचाईल्ड ने 2 अगस्त 2022 को तबस्सुम
के साथ विदेश में कोर्ट मैरिज कर ली थी। इसके बाद ऐश हमारे परिवार से
मिलने भारत आए। इस दौरान वे भारत की संस्कृति, खानपान और मेजबानी से काफी
प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने यहां पूरे रीति रिवाज से शादी करने का
फैसला लिया था। ऐश अपनी मां जेनिफर पैरी के साथ मनावर आए है। तबस्सुम के
परिवार में माता-पिता, तीन बहन और दो भाई हैं। इसमें से दो बहनों की शादी
हो चुकी है। वहीं ऐश के परिवार में उनकी मां जेनिफर पैरी है।
दूल्हे ऐश को भाए पोहा-जलेबी और दाल-बाफले
ऑस्ट्रेलिया
से आए ऐश ने बताया कि उन्हें निमाड़ का खाना बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा
कि मुझे पोहा-जलेबी और दाल-बाफले बहुत अच्छे लगे। भारत में खाने का स्वाद
काफी अच्छा है। बाकी भोजन का भी स्वाद लेंगे। ऐश ने कहा कि मैं बहुत सारे
देशों में घुमा हूं। भारत में यह मेरी दूसरी यात्रा है। भारत सबसे
जिंदादिल, रंग भरा और सबसे खूबसूरत देश है। उन्होंने कहा कि मनावर सबसे
ज्यादा स्वागत और प्यार करने वाला शहर है।
तबस्सुम के पिता करते है साइकिल रिपेयरिंग
मनावर की
पटेल कॉलोनी में रहने वाले लड़की के पिता सादिक हुसैन की बस स्टैंड पर छोटी
सी साइकिल सुधारने की दुकान है। सादिक ने बताया कि साल 2016 में मप्र
सरकार से तबस्सुम को उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए 45 लाख रुपए की स्कॉलरशिप
मिली थी। इसके सालभर बाद 2017 में तबस्सुम पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया के
ब्रिसबेन चली गई। यहां साल 2020 में जर्मनी की एक कंपनी से उसे स्कॉलरशिप
के रूप में करीब 74 लाख रुपए मिले। फिलहाल तबस्सुम इसी कंपनी में सीनियर
मैनेजर के पद पर कार्यरत है।
पढ़ाई के दौरान हुआ एक-दूसरे से प्यार
तबस्सुम ने बताया
कि स्कॉलरशिप मिलने के बाद वो पढ़ाई के लिए ब्रिसबेन गई। ऐश और मैं दोनों
एक ही स्कूल में पढ़ते थे। ऐश सीनियर थे मैं उनकी जूनियर। पढ़ाई के दौरान
दोनों में प्यार हो गया। तबस्सुम ने कहा कि उनकी मां जुलुखा को लगा था कि
मैं शादी नहीं करूंगी। लेकिन जैसे ही उन्हें ऐश के बारे में पता चला तो वो
खुश हो गईं। फिर धीरे-धीरे बात परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंची और हमने
शादी कर ली। तबस्सुम ने अपने प्यार का किस्सा सुनाते हुए कहा कि ऐश ने मुझे
प्रपोज किया था। मैं उसको ना नहीं बोल पाई और हम एक हो गए।
ऐश ने ऑस्ट्रेलिया और भारत में बताया अंतर
ऐश ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के कल्चर का अंतर
बताया। उन्होंने कहा कि विदेश में हमें शादी की तैयारी खुद करना पड़ती है।
लेकिन भारत में रिश्तेदार मिलकर पूरी तैयारी कर लेते हैं। विदेश में हमें
शादी के दौरान आराम नहीं मिलता। वहीं भारत में दूल्हा-दुल्हन को बहुत आराम
मिलता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों देशों का अपना अलग महत्व
है। शादी के बाद दोनों 21 दिसंबर को वापस लौट जाएंगे।
रिटायरमेंट के बाद बकरी पालने का प्लान
ऐश और तबस्सुम
ने बताया कि हमने तय कर लिया है रिटायरमेंट के बाद भारत में ही रहेंगे।
यहां खेती और बकरी को पालने का काम करेंगे। दोनों अभी विदेश में पीएचडी कर
रहे हैं। पढाई पूरी होने के बाद 2 साल के लिए ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु
आएंगे।