जिले के बर्खास्त आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी के पिता ने आत्माराम केस के मुख्य आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह पर पुत्र को मानसिक रूप से त्रस्त कर नौकरी से बर्खास्त कराने और एनडीपीएस एक्ट के झूठे केस में फसाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही जेल में बंद टोनी की सुरक्षा पर आशंका जाहिर कर खुद की सुरक्षा भी मांगी है।
टोनी के वृद्ध पिता कुलदीप जोशी ने पत्र में लिखा है कि "मेरा पुत्र नीरज जोशी धरनावदा थाना में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 65/17 में गवाह है। मेरे पुत्र ने केस में जिस दिन गवाही दी उसी के बाद से केस के मुख्य आरोपी रामवीर सिंह कुशवाह ने पुलिस विभाग में अपने प्रभाव से मेरे बेटे को मानसिक रूप से इस कदर प्रताड़ित किया कि वह मानसिक दबाव में आकर गलतियां करे, मेरे बेटे ने सर्विस रायफल से हवाई फायरिंग भी मानसिक त्रासदी में आकर की थी जिस कारण उसे विभाग ने बर्खास्त कर दिया। इसके बाद रामवीर ने शालू पारदी पर दवाब बनाकर उससे भी मेरे बेटे के खिलाफ बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। शालू पारदी ने बाद में शपथ पत्र देकर नीरज को निर्दोष बताया है। इस तरह मेरा बेटा एक होनहार और काबिल आरक्षक था जिसका जीवन रामवीर ने बर्बाद कर दिया।
उन्होंने बताया कि अभी मेरा पुत्र गुना जेल में बंद है। रामवीर ने मेरे बेटे को एनडीपीएस एक्ट में झूठा फंसा दिया है। उसे रामवीर और उसके साथी गुंडे उठा कर रूठियाई पुलिस चौकी लेकर गए थे, लेकिन वहां पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट का झूठा केस नहीं बनाया तो रामवीर मेरे लड़के को लेकर गुना आया और केंट थाना पुलिस से उस पर एनडीपीएस एक्ट का झूठा केस बनवा दिया। एनडीपीएस के केस में मेरे बेटे को पकड़ने का दावा कर रहे पुलिसवालों के मोबाइल टावर लोकेशन निकलवा ली जाए मेरे बेटे के मोबाइल की लोकेशन भी निकलवाई जाए और इस केस को लेकर थाने के रोजनामचा में दर्ज पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों की आमद रवानगी निकलवा कर उपस्थिति का मिलान करा लिया जाए तो इस झूठे केस का पर्दाफाश हो जाएगा। कुलदीप जोशी ने बताया कि मेरे बेटे को जेल में धमकाया जाता है कि वह आत्माराम के केस में रामवीर सिंह के खिलाफ दिए बयान से कोर्ट में पलट जाए वरना और बुरा अंजाम होगा।
उन्होंने लिखा है कि अधिकारी मेरे इस आवेदन को गंभीरता से लें। रामवीर ने मेरे बेटे का जीवन बर्बाद कर दिया है। मेरा बेटा गलत नहीं होने के बाद भी रामवीर के जाल में उलझ कर अपनी नौकरी गंवा बैठा और भ्रष्ट पुलिसवालों की वजह से रामवीर उसे झूठे केस में बंद कराए बैठा है। अखबारों से पता चला है कि आत्माराम के केस में मुख्य आरोपी रामवीर फरार है। आप समझ सकते हैं कि जो व्यक्ति एक आदमी को गोली मारकर गायब कर चुका हो वह कितना शातिर किस्म का अपराधी होगा, और कितना प्रभावी होगा कि सब कुछ पता होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नही करती, बल्कि सच्चे अपराधों में भी खात्मा लगा देती है, ऐसे शातिर अपराधी से मेरा बेटा लड़ भी नही सकता था।" उन्होंने गुजारिश की है कि उनके बेटे की जेल में सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। चूंकि ये आवेदन दिया है इसलिए उनकी व पत्नी की सुरक्षा भी की जाए। और इस आवेदन की जांच कराते हुए दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।