महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शादी न होने से परेशान युवकों ने अनोखा आंदोलन किया। युवाओं ने दूल्हा बनकर घोड़ी चढ़कर गाजे-बाजे के साथ मार्च निकाला। उनका कहना है कि शादी के लिए लड़की की तलाश है, लेकिन राज्य में दिनोंदिन लड़कियों की संख्या कम हो रही है। इसी वजह से उनकी शादी नहीं हो पा रही है। उन्होंने सरकार से लड़की ढूंढने की मांग की।
कलेक्ट्रेट में दिया लेटर- महिला और पुरुषों का अनुपात बिगड़ गया
आंदोलन करते हुए युवा कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को एक लेटर दिया। इसमें उन्होंने अविवाहित लोगों के लिए दुल्हन ढूंढ़ने की भी मांग की है। आंदोलनकारियों ने कहा कि हमें शादी करने के लिए लड़की नहीं मिल रही है, इसीलिए सरकार और प्रशासन लड़की ढूंढने में हमारी मदद करे।
युवाओं ने लेटर में स्त्री-पुरुष के विषम अनुपात का मुद्दा भी उठाया। महाराष्ट्र में पुरुष-महिला अनुपात में सुधार के लिए प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स एक्ट (PCPNDT एक्ट) को सख्ती से लागू करने की मांग की।
लोग हमारा मजाक उड़ा रहे पर योग्य दुल्हनें नहीं मिल रहीं- प्रदर्शनकारी
इस मार्च का आयोजन ज्योति क्रांति परिषद ने किया है। संस्था के संस्थापक रमेश बारस्कर ने कहा कि कई लोग इस मार्च का मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन सच यह है कि कई योग्य लड़कों को सिर्फ इसलिए दुल्हनें नहीं मिल पा रही हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में पुरुष और महिलाओं का अनुपात विषम है।
बारस्कर ने दावा किया कि लड़के-लड़कियों में इतने भारी अंतर के लिए सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि वह कन्या भ्रूण हत्या रोकने में असफल है। महाराष्ट्र का लिंगानुपात प्रति 1,000 लड़कों पर 889 लड़कियों का है। यह असमानता कन्या भ्रूण हत्या के कारण मौजूद है और सरकार इस असमानता के लिए जिम्मेदार है।