अमेरिका में क्रिसमस से पहले आए बर्फीले तूफान का कहर जारी है। देश के 20 करोड़ से ज्यादा लोगों की जिंदगी मुश्किल बनाने वाले इस तूफान को साइक्लोन बॉम्ब कहा जा रहा है। तापमान तेजी से गिरने के बाद भारी ठंड से 34 लोगों की मौत हो चुकी है। सड़कों पर भारी बर्फ के चलते एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
तूफान से बिजली की लाइनों को नुकसान हुआ है और कई शहरों में बिजली गुल है। पूरे अमेरिका में हजारों कारोबारियों का कामकाज ठप हो गया है। इधर, कनाडा में भी तूफान से चार लोगों की मौत हो चुकी है। मैक्सिको में भी तूफान के असर से कई शहरों में तापमान शून्य से 42 डिग्री तक नीचे पहुंच गया है।
बर्फ में दबे रनवे, 48 घंटे में 10 हजार फ्लाइट्स कैंसिल
खराब मौसम की वजह से अमेरिका में पिछले 48 घंटे में 10 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं। कई एयरपोर्ट्स के रनवे तक बर्फ में दब चुके हैं। इस वजह से लोग अपने घर जाकर क्रिसमस नहीं मना सके। उन्हें एयरपोर्ट के फर्श पर सोकर रात बितानी पड़ी। कार से ट्रैवल कर रहे कई लोग रास्तों में ही फंस गए।
कहीं 8 फीट बर्फ की चादर, कहीं बाढ़ में डूबे शहर
साइक्लोन ने 3 हजार 200 किलोमीटर के इलाके को अपनी चपेट में लिया है। अमेरिका के मोंटाना शहर में शनिवार को पारा -42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूयॉर्क स्टेट के शहर बफेलो में 8 फीट बर्फ की चादर बिछ गई। अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर लोग सर्दी से बेहाल हो गए हैं। कई जगहों में बाढ़ जैसे हालात भी देखे गए।
बर्फ से बिजली लाइनें टूटीं, अंधेरे में डूबे शहर
भारी बर्फबारी की वजह से कई जगह बिजली का हाईटेंशन लाइनों में स्पार्किंग हुई। इसके बाद बिजली की सप्लाई ठप हो गई और कई शहर अंधेरे में डूब गए। लोगों को क्रिसमस का त्यौहार भी भारी सर्दी और अंधेरे के बीच ही मनाना पड़ा। सोमवार सुबह तक कई जगह बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो पाई थी।
कुछ घंटों में जानलेवा हो जाता है बॉम्ब साइक्लोन
सर्दियों में आए इस तरह के भयंकर तूफान को बॉम्ब साइक्लोन कहा जाता है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि तूफान आने के कुछ घंटों में ही पूरा इलाका लो प्रेशर एरिया में तब्दील हो जाता है। इससे इलाके में भारी बर्फबारी होती है और तेज बर्फीली हवाओं के साथ बारिश होती है। बॉम्ब साइक्लोन की गंभीरता कैटेगरी 1 चक्रवात जैसी ही होती है।