नई दिल्ली: चुनाव आयोग प्रवासी कामगारों को एक बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रहा है। आयोग काम, शिक्षा या अन्य कारणों से अपने गृह प्रदेश से बाहर रह रहे लोगों को रिमोट वोटिंग देने की तैयारी में जुट गई है। इस बारे में राजनीतिक दलों से राय भी मांगी गई है। इस पहल से चुनावों में वोट प्रतिशत पहले से ज्यादा बढ़ने की संभावना को होगी। साथ ही कामगारों को अपने गृह नगर जाए बगैर मतदान देने का अधिकार मिल सकेगा।
चुनाव आयोग ने बनाई प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन
इस पहल को जीवंत रूप देने के लिए आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) डिवलेप की है। यह एक रिमोट बूथ से ही 72 तकनिवार्चन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप आरवीएम के मद्देनजर राजनीतिक दलों को भी सुझाव के लिए आमंत्रित किया है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और टेक्निकल चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए एक पत्र भी जारी किया है।
बिहार और यूपी में बढ़ेगा वोट प्रतिशत
प्रवासी कामगारों को रिमोट वोटिंग के जरिए मतदान प्रक्रिया में शामिल करने की चुनाव आयोग की पहल बिहार और यूपी के लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी। दरअसल बिहार और यूपी में रहने वाले अधिकांश लोग काम के सिलसिले में अपने प्रदेशों से बाहर हैं। बिहार और यूपी के लोग देश के कोने-कोने में बसे हुए हैं। ऐसे में रिमोट वोटिंग की प्रक्रिया लोकतंत्र में इन लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ा टूल साबित होगी। प्रवासी कामगारों को मतदान के लिए अपने गृह जनपद जाने की जरूरत नहीं होगी। वह अपनी मौजूदा जगह से ही मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। ऐसे में बिहार और यूपी के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में पहले की तुलना में ज्यादा वोट प्रतिशत बढ़ेगा।