रायपुर. छत्तीसगढ़ के गौ-पालकों की आमदनी बढ़ाने की जबरदस्त कवायद चल रही है। वह दिन दूर नहीं, जबकि राज्य में गाय के गोबर (Cow Dung) से हर रोज हजारों लीटर प्राकृतिक रंग और पुट्टी बनेगी। वहां बने प्राकृतिक पेंट (Vedic Paint) के खपत की भी व्यवस्था हो गई है।
75 मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हो रहे हैं तैयार
राज्य सरकार के इस फैसले के बाद गौठानों में नेचुरल पेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट (Natural Paint Manufacturing Unit) स्थापित करने का दौर तेजी से शुरू हो गया हैं। कुछ इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो गया है वहीं 75 गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट एवं पुट्टी निर्माण की इकाइयां तेजी से स्थापित की जा रही हैं।
ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी इमारतों की रंगाई-पुताई केमिकल पेंट के बदले गोबर से बनने वाले प्राकृतिक पेंट से कराने का ऐलान किया है। इसके बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग ने गौठानों में गोबर से उत्पादित प्राकृतिक पेंट को विभागीय निर्माण कार्यों के एसओआर में शामिल कर लिया है। साथ ही प्राकृतिक पेंट से कराने आदेश जारी किया है।
क्या है गौठान – Godhan Nyay Yojana
छत्तीसढ़ में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरूआत की गई है। इसी के तहत गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठान का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक राज्य के 9,619 गांवों में गौठान का निर्माण हो चुका है। इसके साथ ही करीब 3,000 गांवों में गौठान का निर्माण किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ महीने में लगभग 50,000 गांव में गौठान बन जाएंगे।
कितना मिलता है गोबर का दाम – Gobar Paint Price
छत्तीसगढ़ के गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपए किलो की दर से गोबर की खरीद होती है। इसके साथ ही चार रुपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीद की जाती है। गोबर से कम्पोस्ट खाद के साथ-साथ अन्य सामग्री का निर्माण महिला समूहों द्वारा किया जा रहा हैं। गौमूत्र से फसल कीटनाशक और जीवामृत तैयार किये जा रहे है। हाल ही में राज्य में गोबर से प्राकृतिक पेंट के उत्पादन की शुरुआत रायपुर के समीप स्थित हीरापुर जरवाय गौठान से हुई है। एक लीटर 230 रुपए में पड़ेगा।
75 मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनेंगे – Gobar Paint Factory in Chhattisgarh
गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट कांकेर जिले के चारामा में भी लग चुकी है। राज्य के 75 गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट एवं पुट्टी निर्माण की इकाइयां तेजी से स्थापित की जा रही है। इन इकाइयों के पूर्ण होने पर प्रतिदिन 50 हजार लीटर तथा साल भर में 37 लाख 50 हजार लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होगा। गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज (सीएससी) होता है। सौ किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी तैयार होता है। कुल निर्मित पेंट में 30 प्रतिशत मात्रा सीएमसी की होती है।
नितिन गडकरी ने भी की है सराहना – Cow Dung in Raipur
छत्तीसगढ़ में गोबर से प्राकृतिक पेंट और पुट्टी बनाने के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सराहना की है। छत्तीसगढ़ राज्य की इस पहल को उन्होंने ग्रामीणों को रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर कहा है।