नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनआईए( NIA), वही सरकारी जांच एजेंसी जिसकी कार्रवाई से आतंकवादी और उनके आकाओं के पसीने छूट जाते हैं। यूं कहें कि NIA आतंकियों के लिए काल समान है तो गलत नहीं होगा। हाल ही में जारी हुए आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के आंकड़े सबकुछ बयां कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं एनआईए ने साल 2022 में जिन 38 मामलों की जांच कर रही थी उसपर कोर्ट ने फैसला सुनाने के साथ ही उसमें लिप्त लोगों को दोषी भी माना है। इसके अलावा 6 लोगों को अजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं 109 ऐसे भी रहे जिन्हें जुर्माने के साथ कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी का कन्विक्शन रेट भी शानदार है। जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकारी जांच एजेंसी का ओवरलऑल कन्विक्शन रेट 94 फीसदी रहा है। एनआईए ने जो जानकारी साझा की है उसके अनुसार, एजेंसी ने साल 2022 में 73 मामले दर्ज किए थे। यह उसके साल 2021 के आंकड़े से 19.7 फीसदी अधिक है। एनआईए ने साल 2021 में 61 मामले दर्ज किए थे। इन 73 मामलों में 35 केस जिहदी आतंकवाद से संबंधित थे। इसका दायरा जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। वहीं 11 मामले जम्मू- कश्मीर से, वामपंथी उग्रवाद के 10 मामले, उत्तरपूर्वी के 5, पीएफआई से संबंधित 7, पंजाब से संबंधित 4, गैंगस्टर आतंकी ड्रग तस्कर के 3, दो जाली नोट से संबंधित और एक मामला टेरर फंडिंग का शामिल है।
साल 2022 में NIA ने 368 लोगों के खिलाफ 59 चार्जशीट फाइल की थी। इसमें जांच एजेंसी ने 456 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें 19 भगौड़े भी शामिल थे। इसके अलावा NIA ने यूएपीए के तहत भी 8 लोगों को आरोपी माना है।