3 मई तक के लिए टाल दी सुनवाई
जस्टिस एस. के. कौल की अगुवाई वाली बेंच ने वेंकटरमणी से सवाल किया कि उन पांच नामों का क्या हुआ जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर नियुक्ति के लिए सिफारिश भेजी है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले को थोड़ा टाला जाए। मुझे कुछ जानकारियां दी गई हैं, लेकिन मेरा मत उस पर थोड़ा अलग है। बेंच ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर पांच नामों की सिफारिश का सवाल है तो अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि इस मामले को टाला जाए वह मामले को देख रहे हैं। इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति के लिए जो टाइमलाइन तय की है उसका पालन किया जाएगा। उनके पास सरकार का निर्देश है कि टाइमलाइन का पालन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 3 फरवरी के लिए टाल दी है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने पिछले महीने अलग-अलग हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस का नाम सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर नियुक्त करने के लिए सिफारिश की हुई है। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने इसके लिए बैठक की थी और राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणीपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पी. वी. संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अहसनुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जकस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर देश भर के हाई कोर्टों के सामने पेंडिंग सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास ट्रांसफर कर लिया। कोर्ट ने केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाखिल करने को कहा और निर्देश दिया कि मार्च में इन सभी याचिकाओं को लिस्ट किया जाए।