नई दिल्ली: देश में युवाओं को स्टार्टअप में नौकरी करना ज्यादा पसंद आ रहा है। जॉब की तलाश करने वाले ज्यादातर लोग स्टार्टअप में नौकरी करना पसंद कर रहे हैं। यह बात मिंट और शाइन टैलेंट इनसाइटस की एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी की तलाश करने वाले 79 फीसदी लोग स्टार्टअप में नौकरी करने को पहले नंबर पर रखते हैं। इस सर्वे में विभिन्न सेक्टरों के 820 सीनियर ह्यूमन रिसोर्स एक्जिक्यूटिव्स को शामिल किया गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल स्टार्टअप के क्षेत्र में 17 हजार से ज्यादा लोगों की छंटनी हुई थी। आईटी कंपनियां जिस तरह से बड़े पैमाने पर ज्वाइनिंग करती हैं, उसे देखते हुए यह जूनियर और मिडिल क्लास मैनेजमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण सेक्टर बना हुआ है। देश में स्टार्टअप बड़े पैमाने पर इंजीनियरों की भर्ती कर रहे हैं।
इस वजह से स्टार्टअप में नौकरी करना है पहली पसंद
सर्वे के मुताबिक, 79 फीसदी लोगों को लगता है कि स्टार्टअप में ज्यादा सैलरी, स्टॉक ऑप्शन, कॅरियर में तेजी से बढ़ने और नया सीखने का मौका मिलता है। सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि स्टार्टअप में फाउंडर और कर्मचारी अक्सर एक साथ काम करते हैं। ऐसे में इंफार्मेशन, आइडिया और आने वाली मुश्किलों को किस तरह से सुलझाना है इसपर सब मिलकर काम करते हैं। यह किसी बड़े आर्गेनाइजेशन की तुलना में ज्यादा तेज होता है। स्टार्टअप में काम तेजी से होता है। इसके अलावा कॅरियर में भी तेजी से आगे बढ़ने का मौका मिलता है। स्टार्टअप में नौकरी की एक वजह यह भी है कि यहां पर बड़ी कंपनियों की तुलना में सैलरी ज्यादा मिलती है। इसी के साथ लोगों को यह भी लगता है कि स्टार्टअप में काम करके वो दो से तीन साल में खुद का स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं।
तुरंत निर्णय लेने वाले पसंद
अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान किए गए इस सर्वे में पता चला है कि अधिकारी नई दौर की फर्मों में तुरंत निर्णय लेने वालों को प्राथमिकता देते हैं। इस सर्वे में यह भी सामने आया है कि फंड में कमी और ग्लोबल मंदी के बावजूद स्टार्टअप पसंदीदा इंडस्ट्री बने हुए हैं। वहीं पिछली दो तिमाहियों में बड़ी टेक फर्मों ने छंटनी के साथ नियुक्तियां बंद करने की घोषणा की है। इससे स्टार्टअप सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, कोडर और एआई व मशीन लर्निंग विशेषज्ञों के लिए एक व्यवहारिक विकल्प बन गए हैं।