भिलाई । रंगमंच एवं ललित कलाओं को समर्पित संस्था संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत के बैनर तले राष्ट्रीय वैचारिक संगोष्ठी एवं लोककला साधक सम्मान समारोह 18 मई गुरुवार को इंजीनियर भवन सिविक सेंटर में किया गया है। इस महत्वपूर्ण आयोजन में छत्तीसगढ़ सहित देशभर के विभिन्न राज्यों के ख्यातिलब्ध कलाकारों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाएगा।
संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष पद्मश्री डा. राधेश्याम बारले ने बताया कि आयोजन की तैयारियां अंतिम स्तर पर है। इस आयोजन में प्रमुख राज्य आंध्रप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, असम, पांडिचेरी, राजस्थान और गोवा आदि राज्यो से आमंत्रित किया जा रहा है।
जिसमें इन राज्यों के 20 कलाकारों को भारत गौरव सम्मान, इनके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के 28 जिला के प्रसिद्ध 65 कलाकारों को छत्तीसगढ़ कला रत्न सम्मान, एवं 50 कलाकारों को कला साधक सम्मान प्रदान किया जाएगा। इनमे पंथी, करमा, पंडवानी, भरथरी, रावत नाच, सरहुल ,सुवा नृत्य ,शैला, रिलो, काकसर, गौरमाड़िया, गेड़ी नृत्य, नाचा गम्मत,हास्य अभिनय, रहस नृत्य, लोकमंच, मूर्तिकार घुरा शिल्प, भित्तिचित्र कला, काष्ठकला, बेल मेटल, रंगोली , पेंटिग, बांस शिल्प, बस्तर आर्ट्स, भरतनाट्यम ,कुचिपूड़ी, नाट्यकला व धातु शिल्प आदि से जुड़ी 40 से ज्यादा विधा के कलाकारो को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 18 मई को सुबह 9ः30 बजे से सस्कार भारती की ध्येय गीत से शुरू होगा। इसके बाद बी एल कुर्रे एव साथी द्वारा भजन, जय बूढ़ादेव आदिवासी नृत्य कोदवा जिला गंडई, छुईखदान, खैरागढ़, द्वारा ,जय गड़िहा आदिवासी मांदरी गेड़ी नृत्य धमतरी द्वारा होगा।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि दुर्ग सांसद विजय बघेल होंगे। अध्यक्षता पद्मश्री अजय कुमार मंडावी कांकेर करेंगे। विशिष्ट अतिथि बृजेश बिजपुरिया अध्यक्ष भिलाई भाजपा, स्वीटी कौशिक अध्यक्ष महिला मोर्चा भिलाई , राजूलाल नेताम अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति भिलाई करेगे। अपराह्न 11,45 बजे ”लोककला में भारतीय परिवार व्यवस्था का महत्व” विषय पर डॉ योगेंद्र चौबे ,प्रांतीय उपाध्यक्ष संस्कार भारती अपने विचार रखेगे। दोपहर 12,30 बजे, पंथी नृत्य, लोकधारा पंथी दल अहिवारा ग्रुप प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद ”लोक कला और पर्यावरण” विषय पर वक्ता,डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही दुर्ग अपने विचार रखेंगे। दोपहर 2,30 बजे लोक मंच लोक रागिनी के रिखी क्षत्रिय एवं साथी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद 3,30 बजे ”लोककला की परंपरा एवं सामाजिक समरसता” विषय पर अखिल भारतीय लोककला सह संयोजक निरंजन पंडा अपनी बात रखेंगे। शाम 4,15 बजे आदिवासी दण्डावी गौर माड़िया नृत्य गुडिया पारा किलेपाल जगदलपुर की टीम प्रस्तुत करेगी। शाम 4,30 बजे ”भारतीय लोक संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में संस्कार भारती का योगदान” विषय पर मध्यक्षेत्र के क्षेत्र प्रमुख अनिल जोशी वक्ता होंगे। शाम 5 बजे के सत्र में मुख्य अतिथि विष्णु देव साय, पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार होंगे। अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका पद्मविभूषण डॉ तीजन बाई करेंगी। विशिष्ट अतिथि पवन साय, प्रदेश संगठन महामंत्री भाजपा, पद्मश्री डॉ भारती बंधु, पद्मश्री मदन चौहान, डॉ गंभीर सिंह ठाकुर,पूर्व सी एम एच ओ दुर्ग, नंदिनी नेताम अध्यक्ष बेटी बचाओ बेटी बढ़ाव गरियाबंद, उमेश चितलांगिया समाज सेवी उद्योगपति होंगे। शाम 6 बजे सम्मान समारोह होगा।
जिनमे प्रमुख रूप से भारत रत्न लता मंगेशकर स्मृति सम्मान,पद्मश्री बाबा योगेंद्र समिति सम्मान, पद्मश्री शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव स्मृति सम्मान, स्व अमीर चंद स्मृति सम्मान, कामता नाथ वैशम्पायन स्मृति सम्मान, डॉ अशोक चंद्राकर स्मृति सम्मान , भगवान महावीर समृति सम्मान, भगवान बिरसा मुंडा स्मृति सम्मान, गुरु घासीदास सामाजिक चेतना सम्मान, शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान, भक्त माता कर्मा स्मृति सम्मान, संत कबीर स्मृति सम्मान, दाऊ रामचंद्र देशमुख सम्मान, दाऊ महासिंह चन्द्राकर स्मृति सम्मान , दाऊ मंदराजी स्मृति सम्मान, डॉ भंवर सिंह पोर्ते आदिवासी सेवा सम्मान स्व खुमान साव स्मृति सम्मान, स्व प्रेम साइमन स्मृति सम्मान, स्व देवदास बंजारे स्मृति सम्मान, स्व सुरुज बाई खांडे स्मृति सम्मान, आदिवासी रत्न सम्मान, शहीद दुर्वासा लाल निषाद स्मृति सम्मान आदि हस्तियों के नाम से सम्मानित किया जायेगा। उक्त जानकारी देते हुए पद्मश्री डा. बारले ने कला-संस्कृति से जुड़े लोगों से इस आयोजन में सहभागिता की अपील की है।