पुलिस का ऐसा प्रयास, बबलू को फिर मिल गई अपनी मां और परिवार..पढ़ें पूरी खबर
आगरा के बाल गृह में कर रहा था काम
मामला प्रयास बाल गृह का है. यहां मार्च 2024 में पुलिस की मुस्कान टीम बच्चों की काउंसलिंग के लिए गई थी. इसी दौरान वहां सफाई करने वाला बबलू पुलिस के पास आया और उसने अपने बारे में बताया. बबलू ने कहा कि उसका परिवार भी ढूंढ दीजिए. जब वह छोटा था तो जून 2000 के लगभग घर से निकल आया था और फिर कभी घर नहीं पहुंचा. उसने अपने पिता का नाम सुखदेव और मां का नाम अंगूरी देवी के साथ गांव का नाम धनौरा बताया.
ऐसे शुरू हुई तलाश
प्रभारी निरीक्षक मुस्कान टीम जीआरपी रिपुदमन सिंह ने बताया कि सी प्लान ऐप ओर गूगल मैप के माध्यम से उसका गांव सर्च किया गया. काफी सर्च करने पर पता चला कि बिजनौर, बागपत व बुलंदशहर जिले में धनौरा गांव पड़ते हैं. इन सभी गांव में सपंर्क किया गया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इस पर टीम ने बबलू से फिर से बात की. उससे पूछा कि वह दिल्ली कैसे पहुंचा. उसने बताया कि वह ट्रेन से आया था. कई और छोटी—छोटी जानकारी ली गईं जिसके बाद पता चला कि उसका गांव धनौरा, चोला रेलवे स्टेशन के बिल्कुल पास है.
इसके बाद गांव में सपर्क किया गया और बबलू का फोटो भेजा गया लेकिन फिर भी कुछ पता नहीं चला. काफी दिन बाद एक फोन आया जिसमें फोन करने वाले ने कहा कि हमाने गांव के सुखदेव शर्मा नाम के व्यक्ति का बेटा काफी समय पहले खो गया था. उसका आज तक कोई भी पता नहीं चला. उनसे सुखदेव का नंबर लेकर संपर्क किया गया. परिवार के सदस्यों के नाम पूछे गए तो सभी नाम बबलू द्वाराबताए गए नाम से मैच हुए. इस पर उनको बाल गृह का नंबर दिया गया और व्हाट्सअप के माध्यम से बबलू की बात उसकी मां से कराई गई. इस पर उन्होंने अपने बेटे को पहचान लिया.
बाल गृह आकर परिवार के लोग अपने बेटे बबलू को अपने साथ ले गए. मां ने बबलू को गले लगाया तो आंख भर आईं. उन्होंने बताया कि हमने 5—6 साल तक ढूंढा लेकिन कोई पता नहीं चला. आस ही छोड़ दी थी लेकिन अब बेटे के मिलने से काफी उत्साहित हैं.