आज तड़के लगभग 5 से 5.30 बजे के बीच गुजरी बाजार के दो दुकानों में आग लग गई। जिससे दुकान संचालकों को लाखों का नुकसान पहुंचा है। हालांकि अब तक आग की कोई ठोस वजह सामने नहीं आ सकी है लेकिन फायर वाहन की तत्परता से जल्द ही आग पर काबु पा लिया गया अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकत था।
आगजनी की इस घटना में जयभोले हाथ ठेला दुकान और इससे लगी पूनम गारमेंट को नुकसान पहुंचा है। बताया जाता है कि जयभोले हाथ ठेला दुकान में हाथठेला बनाने का सामान में लोहा और लकड़ी रखी थी। जहां सबसे पहले आग लगी। जिसके बाद आग फैलकर इससे लगी पायल गारमेंट तक फैल गई। सुबह-सुबह हुई इस घटना की जानकारी गुजरी बाजार में व्यवसाय करने वाली महिलाओं से दुकानदारो को मिली। इसी दौरान यहां पहुंचे विजय अग्रवाल दंपत्ति ने तत्काल घटना की सूचना नगरपालिका अध्यक्ष और फायर वाहन को दी। सूचना के बाद फायर वाहन पहुंचा और आग पर काबु पाया। घटना की जानकारी के बाद नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीतसिंह ठाकुर भी घटनास्थल पहुंची, जहां उन्होंने पीड़ित दुकानदारों से इसकी जानकारी ली।
पूनम गारमेंट की संचालिका पूजा रोहणा ने बताया कि सुबह गुजरी बाजार में सब्जी का व्यवसाय करने वाली महिला से उन्हें दुकान में आग लगने की जानकारी मिली थी। जब वह दुकान पहुंची तो देखा कि दुकान में आग लगी थी। कुछ ही समय में फायर वाहन ने पहुंचकर आग पर काबु पाया। उन्होंने बताया कि दुकान में आगजनी से लगभग एक लाख रूपये का नुकसान पहुंचा है। दुकान में रखा कपड़ों का स्टॉक पूरा जल गया है।
वहीं जय भोले हाथठेला दुकान में हाथठेला बनाने का काम करने वाले खेमचंद पटले की मानें तो वह रात्रि में यही रहता है लेकिन बीती रात्रि वह घर चले गया था। जिसकी सूचना गुजरी बाजार में दुकान लगाने वाली एक महिला से मिली। जिसके बाद वह यहां आया है। आगजनी से दुकान में रखी लकड़ी और अन्य सामान जल गया है। हालांकि यहां अभी नुकसान का पता नहीं चल सका है। फिलहाल फायर वाहन की तत्परता से जल्द ही आग पर काबु पाये जाने से गुजरी बाजार में आगजनी की बड़ी वारदात को बचा लिया गया अन्यथा यदि आग फैलती तो पास-पास लगी दुकानांे से एक बड़ी आगजनी की घटना हो सकती थी। बलराम कुकरेजा ने बताया कि सुबह 5 बजे आग की सूचना गुजरी बाजार में व्यवसाय करने वाली महिला से मिली। जिसके बाद वे यहां पहुंचे और दुकानदारों को फोन लगाया। उन्होंने बताया कि यदि फायर वाहन समय पर नहीं आता तो आसपास की सब कपड़ा दुकानों में आग फैलकर भीषण रूप ले सकती थी।