बैंकों के लिए लोगों को दिए गए लोन का फंसना बहुत ही आम बात है. लेकिन जब लोन फंस जाता है तो उसे रिकवर करना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है. लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों ने मिलकर एक साथ रणनीति बनाई है, ताकि फंसे हुए लोन की रिकवरी की जा सके. 5 करोड़ रुपये से कम के खुदरा और एमएसएमई लोन की वसूली के लिए एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ोदा समेत पांच बैंक एक साझा कलेक्शन एजेंसी बनाने की योजना पर आगे काम कर रहे हैं.




लोन वसूली के लिए एक साथ कदम
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के इन पांचों बैंकों की तरफ से एक फर्म बनाया जाएगा- पीएसबी अलायंस प्राइवेट लिमिटेट, जो प्रू ऑफ कंसेप्ट पर आधारित होगा और बाद में अन्य बैंक में जुड़ेंगे. नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड की तर्ज इसे बनाने का मकसद ये है कि इससे बैंकों को मुख्य बैकिंग गतिविधियों में फोकस करने में मदद मिलेगी. खासकर, ऐसे मामले में जब एक ही लोन लेनेवाले ने कई बैकों से पैसे लिया है.
लोन वसूली का अब होगा खास तरीका
इस समय फंसे हुए लोन की वसूली के लिए सिर्फ तीन से चार सरकारी बैंक की तरफ से ही आउटसोर्स किया जा रहा है. ऐसे में इस एजेंसी के एक बार बन जाने के बाद बैंकों को इन छोटे लोन की जगह बड़े बकायेदारों के फंसे लोन पर फोकस करने में मदद मिलेगी.
गौरतलब है कि पीएनबी फ्रॉड केस समेत कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब बैंक को फर्जीवाड़े का काफी बाद में जाकर पता चल पाया है. ऐसे में अगर वक्त रहते हुए इन छोटे लोन की रिवकरी के लिए एक अलग एजेंसी होगी तो फिर बैंक को अपने बड़े लोन लेने वालों पर ध्यान केन्द्रित करने का पूरी तरह से मौका मिल जाएगा. जैसे ही इन पांच बैंकों के लिए एजेंसी काम शुरू करेंगी, ऐसी उम्मीद है कि आगे बाकी बैंक में इसकी मदद लेंगे.
