नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय को एक पत्र लिख कर दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के हाई प्रोफाइल कैदियों से करोड़ों की जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए मंजूरी मांगी है।
सीबीआई ने मंजूरी मांगते हुए आरोप लगाया है कि तत्कालीन डीजी जेल संदीप गोयल और तत्कालीन अतिरिक्त महानिरीक्षक की मिलीभगत से दिल्ली की जेलों में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और जबरन वसूली रैकेट चलाया जा रहा था।
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई ने एलजी कार्यालय को पत्र लिख कर पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच शुरू करने की मंजूरी मांगी है।
आप नेता ने किया सिंडिकेट के रूप में काम
सीबीआई ने अपने पत्र में आप नेता पर आरोप लगाया कि कैदियों से उगाही करने के मामले में एक सिंडिकेट के रूप में काम किया है। साथ ही सीबीआई ने तिहाड़ जेल के तत्कालीन अधीक्षक दानिक्स अधिकारी राज कुमार के खिलाफ भी इसी तरह की जांच के लिए मंजूरी मांगी है। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अनुमति मांगी है।
10 करोड़ की उगाही
सीबीआई ने अपने पत्र में बताया है कि उसके पास सूत्रों से मिली जानकारी है कि जैन ने कथित तौर पर “जेल के कैदी सुकेश चंद्रशेखर से 2018-21 के दौरान विभिन्न किश्तों में खुद या अपने साथियों के माध्यम से संरक्षण राशि के रूप में 10 करोड़ रुपये की उगाही की है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि गोयल और प्रसाद ने जेल में बंद अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से संरक्षण राशि के रूप में जबरन वसूली की ताकि वे जेल में सुरक्षित और आराम से रह सकें, जबकि वह जेल में मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ कई लोगों को धोखा देने के आरोप में जेल में बंद है।
जेल अधीक्षक ने की मदद: सीबीआई
सीबीआई ने आरोप लगाया कि तिहाड़ के सेंट्रल जेल-4 के तत्कालीन जेल अधीक्षक राज कुमार गोयल के करीबी सहयोगी थे और उन्होंने चंद्रशेखर से पैसे वसूलने में उनकी सहायता की।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि जैन, गोयल, प्रसाद और कुमार ने लोक सेवकों के रूप में अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और कैदियों से अपने विचारों के बदले दिल्ली की जेलों में चंद्रशेखर और अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। आप नेता जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की जेल में बंद हैं।