माफिया मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो 188 दिन बाद गुरुवार की रात जेल से बाहर आ गईं। निखत को पति अब्बास से चोरी छिपे जेल में मुलाकात के कारण गिरफ्तार किया गया था। निखत को चित्रकूट जेल के अंदर से ही गिरफ्तार किया गया था। जेल प्रशासन की मिलीभगत से जिस जेल में वीआईपी कमरे में पति से मुलाकात जैसी खातिरदारी की जा रही थी वहीं पर निखत को छह महीने बंदी के तौर पर काटने पड़े। सुप्रीमकोर्ट ने 11 अगस्त को निखत को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने उन्हें एक साल के बेटे की मां होने के नाते मानवीय आधार पर जमानत दी थी। रिहाई के दौरान उनका मासूम बेटा भी जेल पर पहुंचा था। उसे देखते ही निखत ने गोद में ले लिया और खूब प्यार किया।
विधायक अब्बास अंसारी को नैनी जेल से चित्रकूट जिला कारागार शिफ्ट करने के बाद निखत बानो ने भी मुख्यालय कर्वी में डेरा डाल दिया था। निखत ने मुख्यालय में सपा नेता की मदद से कपसेठी स्थित विकास नगर में किराए पर मकान लिया था। जेल में कैंटीन संचालक के जरिए उसने जेल अफसरों से सेटिंग की और पति अब्बास अंसारी से रोजाना बेरोकटोक जेल के अंदर वीआईपी कमरे में मुलाकात करने लगीं। यह सिलसिला दो माह तक चला।
आला अफसरों को इसकी भनक लगी तो 10 फरवरी को डीएम अभिषेक आनंद व एसपी वृंदा शुक्ला ने जिला कारागार में छापेमारी की। वीआईपी कमरे से निखत बानो को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद निखत को भी कोर्ट के आदेश पर इसी जेल में डाल दिया गया। हालांकि अब्बास को कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार की देर रात निखत बानो जेल से रिहा हुई। निखत बानो को लेने के लिए उनके भाई और भाभी जिला कारागार पहुंचे थे।
जेल से बाहर निकलते ही बेटे को दौड़कर गले से लगाया
गुरुवार को ट्रायल कोर्ट से परवाना जिला कारागार को मिलने के बाद देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच निखत रिहा की गईं। जिला कारागार में निखत बानो के भाई व भाभी उसके मासूम बेटे को लेकर पहुंचे थे। जेल के मुख्य गेट से निखत जैसे ही बाहर निकली तो भाभी की गोद में उसका बेटा नजर आया। वह दौड़कर भाभी के पास पहुंची और बेटे को गोद में लेकर गले लगा लिया। उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। इसके बाद वह भाई व भाभी के साथ वाहन में बैठकर रवाना हो गई।