मेरठ। इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में बदलकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले गिरोह का दूसरा आरोपी दिलशाद परीक्षितगढ़ पुलिस और एटीएस के हत्थे चढ़ गया। दिलशाद के खाते में नूर मोहम्मद के खाते से मोटी रकम भेजी जा चुकी है। दिलशाद की आईडी पर ही फाइबर का कनेक्शन लिया हुआ था। दिलशाद ने भी पूछताछ में नेडी की जानकारी नहीं होने की बात कही है। इसलिए पुलिस दिलशाद और नूर की आईडीपीआर (इंटरनेट कॉल डिटेल) तलाश रही है। हो सकता है कि नेडी दोनों को इंटरनेट कॉल करता हो।
परीक्षितगढ़ के बढ़ला-किठौर रोड पर राजा मोहल्ला में किराए के मकान में नूर मोहम्मद उर्फ शाकिब निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था। उसके साथ दिलशाद निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना और एक अन्य युवक भी काम करते थे। एटीएस की टीम ने बीते शुक्रवार को पुलिस के साथ टेलीफोन एक्सचेंज पर छापा मारकर नूर मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया था। उसके कब्जे से फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का सामान भी बरामद किया गया। 342 सिमकार्ड मिले थे।
नेडी की पड़ताल करने में जुटी एटीएस
सिमकार्ड बेचने वाले दुकानदार के बारे में भी जानकारी ली जा रही है। एटीएस के एसआई राजीव त्यागी ने बताया कि दिलशाद ने पूछताछ में बताया कि नूर मोहम्मद को उसने रकम उधार दी थी। इसलिए उसने खाते में रकम भेजी थी, जबकि दिलशाद भी फर्जी एक्सचेंज संचालित करने में नूर मोहम्मद का साथ दे रहा था। ऐसे में नूर मोहम्मद और दिलशाद का नेडी से कनेक्शन देखा जा रहा है। एटीएस फिलहाल नेडी की पड़ताल करने में जुटी है।