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सीतापुर स्वास्थ्य विभाग में अनियमितता अधीनस्थ स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की पहचान के बाद भी कार्यवाही शून्य।
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सिधौली सीएचसी में वेतन-पेंशन अनियमितता पर प्रशासन मौन।
सीतापुर। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों को चिन्हित किए जाने के बावजूद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सिधौली सहित अन्य स्थानों पर कुछ कर्मचारियों को अधिक वेतन और पेंशन दिए जाने के मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी भी विभाग ने उपलब्ध नहीं कराई।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल.।
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों की सेवा शर्तों की पुनः जांच के बाद अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसके तहत कुछ कर्मचारियों को नियमविरुद्ध अधिक वेतन और पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इसके बावजूद, सीएमओ कार्यालय ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
सूत्रों के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिधौली में ऐसे कई कर्मचारी कार्यरत हैं जिन्हें अनाधिकृत रूप से अतिरिक्त वित्तीय लाभ मिली भगत से पहुंचाया गया है, लेकिन शिकायतों के बावजूद उच्च अधिकारी मौन बने हुए हैं।
RTI के तहत नहीं दी जा रही जानकारी
सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत जब इस अधिक वेतन व पेन्शन दिये संबंध में जानकारी मांगी गई, तो स्वास्थ्य विभाग लेखा अनुभाग सूचना देने से इनकार या टालमटोल की नीति अपनाई। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि विभाग के भीतर ही कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता और कर्मचारियों में आक्रोश
इस मामले को लेकर ईमानदार कर्मचारियों और जनता में भारी आक्रोश है। वेतन और पेंशन जैसी महत्वपूर्ण वित्तीय व्यवस्थाओं में गड़बड़ी से न केवल सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की छबि व सेवाओं की पारदर्शिता भी प्रभावित हो रही है।
क्या कहता है नियम?
वेतन और पेंशन से संबंधित किसी भी अनियमितता पर वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्यवाही अनिवार्य होती है। अगर किसी कर्मचारी को गलत तरीके से अधिक वेतन या पेंशन का भुगतान किया जा रहा है, तो उसे रिकवर किया जाना चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
जांच और कार्रवाई की मांग
इस गंभीर मामले में अब आजाद अधिकार सेना के जिला अध्यक्ष नवल किशोर मिश्रा ने मांग की है उनका कहना है कि यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए, तो इस घोटाले के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
अब देखना यह होगा कि सीतापुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय लेखा अनुभाग इस वित्तीय अनियमितता पर कब तक चुप रहते हैं और क्या उच्च प्रशासन इस मामले में संज्ञान लेगा।
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