नई दिल्ली: सिविल एविएशन को प्रभावित करने वाले एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तत्काल प्रभाव से सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी को निलंबित कर दिया है. तुर्की की यह ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी भारत के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर परिचालन करती है, जिनमें दिल्ली, बेंगलुरु, गोवा, हैदराबाद और कोचीन शामिल हैं.




ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) द्वारा जारी आदेश गुरुवार को एजेंसी के संयुक्त निदेशक (संचालन) सुनील यादव द्वारा जारी किया गया. आदेश में कहा गया है, “ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी कैटेगरी के तहत सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सुरक्षा मंजूरी 21 नवंबर 2022 को बीसीएएस महानिदेशक द्वारा दी गई थी. राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है.”
सेलेबी उन तीन ग्राउंड हैंडलर्स में से एक है जो AISATS और बर्ड ग्रुप के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करते हैं. यह फर्म यात्री और कार्गो टर्मिनल सर्विस दोनों के लिए चार्जेज लेती है और एयरपोर्ट के साथ-साथ बहुत व्यस्त एयरपोर्ट पर विमानों के टर्नअराउंड में एक महत्वपूर्ण परिचालन टीम है.
नए टेंडर जारी किए जाएंगे
सुरक्षा मंजूरी को तत्काल रद्द किए जाने के कारण इन स्थानों पर एयरपोर्ट संचालकों को सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की जिम्मेदारियों को अन्य लाइसेंस प्राप्त ग्राउंड हैंडलर्स को सौंपने के लिए जल्दी से खोजने की आवश्यकता होगी. प्रतिस्थापन नियुक्त करने के लिए नए टेंडर जारी किए जाएंगे.
नौ एयरपोर्ट पर सर्विस
सेलेबी की भारत में मौजूदगी कम से कम तीन अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से नौ एयरपोर्ट- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, गोवा, कोचीन और कन्नूर में फैली हुई है. इसकी ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं में बैगेज लोडिंग और अनलोडिंग, यात्री चेक-इन सहायता, विमान की सफाई, ईंधन भरने का कोर्डिनेशन और उड़ान संचालन सहायता शामिल हैं.
58,000 उड़ानों को संभालती है कंपनी
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार सेलेबी ने मुंबई में एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से भारतीय परिचालन शुरू किया. बाद में इसने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया की स्थापना की. पिछले कुछ वर्षों मेंफर्म का दायरा काफी बढ़ गया है और अब यह सालाना 58,000 उड़ानों को संभालती है, 5.4 लाख टन कार्गो का मैनेजमेंट करती है और लगभग 7,800 कर्मचारियों को रोजगार देती है.
हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा से परे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि सेलेबी के तुर्की स्वामित्व को लेकर कुछ समय से चिंताएं बनी हुई हैं. प्रमुख मेट्रो हवाई अड्डों जैसे संवेदनशील स्थानों पर कंपनी की भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच चर्चा में रही थी.
तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
खबर है कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिए जाने के बाद तुर्की द्वारा पाकिस्तान को दिए गए मजबूत राजनीतिक समर्थन के बाद यह मुद्दा और बढ़ गया.
सूत्रों ने कहा, “तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन लगातार बना हुआ है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद के रुख को विशेष रूप से भड़काऊ माना गया. सेलेबी की मंजूरी रद्द करने का कदम रणनीतिक दृष्टिकोण में इस बदलाव को दर्शाता है.”
सेलेबी को हटाने से भारत के कुछ सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर प्रतिस्पर्धी ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों के लिए व्यावसायिक अवसर खुल गए हैं. हवाई अड्डे के संचालकों द्वारा औपचारिक टेंडर जारी किए जाने के बाद कथित तौर पर कई फर्म इसमें कदम रखने की तैयारी कर रही हैं.
