देवरिया। रुद्रपुर के फतेहपुर गांव के अभयपुर टोले के रहने वाले दबंग प्रेमचंद यादव के आलीशान भवन पर बुलडोजर चलेगा। अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेखपाल अखिलेश यादव (अब निलंबित) की ओर से दो दिन पूर्व उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत तहसीलदार रुद्रपुर के कोर्ट में प्रेमचंद के पिता रामभवन के खिलाफ दो व परशुराम के खिलाफ बेदखली का एक वाद दाखिल किया गया है। कुछ अन्य लोगों के कटरैन व दीवार चलाकर किए गए अस्थायी कब्जा पर भी बुलडोजर चलेगा।
फतेहपुर के लेहड़ा टोले के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे के छोटे भाई की भूमि जबरन बैनामा कराने वाले जिला पंचायत के पूर्व सदस्य प्रेमचंद यादव के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने दबंग प्रेमचंद पर मानस इंटर कालेज, खलिहान, नवीन परती व वन विभाग की भूमि पर करीब 10 वर्षों से अवैध कब्जा करने की शिकायत शासन-प्रशासन से की थी। प्रेमचंद की राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियों में गहरी पैठ होने के कारण फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण किया जाता रहा।
फतेहपुर में दो अक्टूबर की सुबह प्रेमचंद की हत्या के प्रतिशोध में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी व दो बेटी व एक बेटे की हत्या के बाद मामला सुर्खियों में आ गया। सामूहिक नरसंहार के बाद आनन-फानन में तीन अक्टूबर को राजस्वकर्मियों की टीम ने गांव में पैमाइश के बाद अवैध कब्जों को चिह्नित किया, जिसमें प्रेमचंद का आलीशान भवन का कुछ हिस्सा खलिहान व नवीन परती की भूमि में बने होने की पुष्टि हुई। एक अन्य व्यक्ति परशुराम ने भी अवैध निर्माण कराया है। जबकि कटरैन व टीनशेड टालकर अस्थायी रूप से कब्जा करने वाले कई लोग चिह्नित किए गए। लेखपाल ने चार अक्टूबर को तहसीलदार रुद्रपुर कोर्ट में उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत बेदखली का वाद दाखिल किया है। अवैध कब्जा हटाने व जुर्माना लगाने का अनुरोध किया है।
कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा प्रशासन
बुलडोजर चलाने से पहले प्रशासन कानूनी रूप से सभी प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है। तहसीलदार कोर्ट से जल्द ही आरोपितों के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा। उम्मीद है कि प्रक्रिया पूरी होते ही प्रशासन बुलडोजर लगाकर अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू करेगा। प्रशासन चाहता है कि जल्दबाजी में कहीं से कोई चूक न होने पाए। साथ ही यह संदेश भी देना चाहता है कि दबंगों व भूमाफिया के कब्जे में सरकारी भूमि कदापि नहीं रहने दी जाएगी।
मंथन के बाद रोकनी पड़ी बुलडोजर चलाने की कार्रवाई
घटना के तीसरे दिन बुधवार को मौके पर बुलडोजर मंगाया गया था, लेकिन कानूनी कार्रवाई अधूरी होने के बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को रोक दिया गया। उच्च स्तर पर मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि कानूनी कार्रवाई अभी अधूरी है। इसे पूरा करने के बाद ही अवैध कब्जा पर बुलडोजर चलाया जाए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी कानूनी कार्रवाई में तेजी से जुट गए हैं।