नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी समूह के बड़ा झटका दिया है। अडानी समूह के शेयरों के दाम घटकर आधे रह गए हैं। कंपनी का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से भी अधिक गिर चुका है। खुद गौतम अडानी (Gautam Adani) की निजी संपत्ति घटकर आधी से भी कम रह गई है। 15 दिनों में कंपनी का बाजार मूल्या 117 अरब डॉलर से भी अधिक का नुकसान हुआ है। हिंडनबर्ग के हमले से हिले अडानी समूह ने इससे निपटने के लिए अपनी स्ट्रेटजी बदल दी है। पिछले 15 दिनों से अडानी समूह के शेयरों में कत्लेआम को रोकने के लिए कंपनी नई प्लानिंग पर काम कर रही है। कंपनी डैमेज कंट्रोल के लिए योजना बना रही है। कंपनी निवेशकों का भरोसा जीतना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने तैयारी कर ली है।
अडानी ने बदली स्ट्रैटिजी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में आई सूनामी के चलते कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है। कंपनी ने अपनी स्ट्रैटिजी में बदलाव किया है। कंपनी अब कर्ज चुकाने पर फोकस कर रही है। कर्ज प्रीपेमेंट करके, लोन के बोझ को कम करके निवेशकों के विश्वास को दोबारा हासिल करना चाहती है। वहीं लागत में कैश बचाने तक फोकस कर रही है। शेयरों में लगातार आ रही गिरावट के बाद अडानी समूह ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ के टारगेट को 40 फीसदी तक घटाकर आधा कर दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी का मार्केट कैप 117 अरब डॉलर कर गिर चुका है। कंपनी का कमाई गिर चुकी है। अब कंपनी अपने डैमेज को सुधारने में जुट गई है। कंपनी ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ के टारगेट को घटा दिया है। कंपनी नए कैपिटल एक्सपेंडीचर की स्पीड को भी धीमा करने की तैयारी में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए ग्रोथ के टारगेट को 40 फीसदी से घटाकर 15-20 फीसदी ग्रोथ तय किया है। कंपनी ने केपैक्स प्लान को भी धीमा करने की योजना बनाई है। यानी कंपनी ताबड़तोड़ एक्सपेंशन के बजाए कंपनी को मजबूत करने पर फोकस कर रही है।