नई दिल्ली: बुधवार को खबर आई कि मुश्किल दौर से गुजर रहे अडानी समूह ने सॉवरेन वेल्थ फंड से 3 अरब डॉलर का लोन जुटा लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से ये खबर आई, जिसके बाद अब अडानी समूह ने इस खबर का खंडन किया है। अडानी समूह की ओर से इस खबर पर सफाई दी गई है। अडानी समूह ने इस खबर को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मिडिल ईस्ट के सॉवरेन फंड से कोई लोन नहीं मिला है।
बुधवार को खबर आने के बाद अडानी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी। इस खबर के आने के बाद बांबे स्टॉक एक्सचेंज ने इस लोन की जानकारी अडानी समूह से मांगी। जवाब में समूह ने स्फष्ट किया कि ये जानकारी गलत है, उन्होंने रॉयटर्स की खबर को फेक बताते हुए कहा कि उन्हें कोई लोन नहीं मिला है। दरअसल बुधवार को रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अडानी ग्रुप ने एक सॉवरेन वेल्थ फंड से 3 अरब डॉलर का लोन लिया है। इस रिपोर्ट के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। इसके बाद अडानी समूह की ओर से क्लैरिफिकेशन दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) और अडानी समूह के विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है। इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 6 सदस्यों की कमेठी गठित की है। कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी (SEBI) को जांच करके दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के कहा है। गौतम अडानी ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है और लिखा कि सच की जीत होगी।