नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी समूह (Adani ) को लेकर निगेटिव रिपोर्ट जारी की। 24 जनवरी को आए इस रिपोर्ट के बाद एक महीने तक अडानी के शेयरों (Adani shares) में कत्लेआम जारी रहा। अडानी समूह लगातार डैमेज कंट्रोल में लगी रही। रोडशो, लोन रीपेमेंट का ऐलान जैसे कदम उठाए, जिसका नतीजा भी दिखने लगा है। अडानी कमबैक कर रहे हैं। बीते एक हफ्ते से अडानी के शेयरों में रॉकेट की रफ्तार से तेजी लौटी है। इस बीच मुश्किलों में घिरे गौतम अडानी के लिए अमेरिका से खुशखबरी आई। संकट की इस घड़ी में एक भारतीय ने उनका साथ दिया है। गुरुवार, 2 मार्च को अमेरिका के एसेट मैनेजर जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG) ने ग्रुप की 4 कंपनियों में 15446 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। ये डील ऐसे वक्त में हुई है, जब अडानी के निवेशकों का भरोसा हिला था,। ऐसे में इस डील के मायने बहुत अहम हो जाता है। अगर इस डील को गहराई से देखें तो आप समझ पाएंगे कि कैसे ये डील सिर्फ अडानी के लिए नहीं बल्कि जीक्यूजी के लिए भी फायदे का सौदा है। ब्लूमबर्ग के साथ इंटरव्यू के दौरान जीक्यूजी के सीईओ राजीव जैन ने खुद कहा था कि अडानी समूह सत्यम या एनरॉन नहीं है। मुझे मौका मिला तो मैं जरूर दांव लगाना चाहूंगा और जैसे ही मौका मिला, वो इससे पीछे नहीं हटे।
15446 करोड़ की डील का कैलकुलेशन
अडानी की कंपनियों में ब्लॉक डील हुई है। अमेरिका की एसेट मैनेजर GQG के साथ कंपनी ने 15446 करोड़ रुपये का सेकेंडरी इक्विटी ट्रांजेक्शन को पूरा कर लिया है। जीक्यूजी ने अडानी की 4 कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है। अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज 3,87,01,168 शेयरों के बदले 5,460 करोड़ रुपये की डील हुई है। अडानी पोर्ट एंड एसईजेड के 8,86,00,000 शेयरों के बदले 5,282 करोड़ रुपये लिए गए हैं। अडानी ट्रांसमिशन के 2,84,00,000 शेयर के बदले 1,898 करोड़ रुपये दिए गए हैं और अडानी ग्रीन एनर्जी 5,56,00,000 शेयरों के बदले 2,806 करोड़ रुपये की डील हुई है। अडानी डील से मिले इस निवेश का इस्तेमाल कर्ज को कम करने में और लिक्विडिटी को बढ़ाने में करेगी।
डील से किसे-कितना फायदा
इस डील से अडानी को कर्ज कम करने, कैश फ्लो बढ़ाने और निवेशकों का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी। अडानी समूह के चीफ फाइनेंस ऑफिसर जुगेशिंदर सिंह ने इस डील पर कहा कि हम अपने बुनियादी ढांचे, पॉजिटिव एनर्जी, और निवेशकों के विश्वास बनाए रखने में सफल हुए है। इस डील के बाद अडानी के शेयरों में प्रबल खरीदारी देखने को मिली है। वहीं इसका फायदा सिर्फ अडानी को नहीं बल्कि जीक्यूजी कंपनी को भी मिला है। GQG ने अडानी के जिन 4 कंपनियों के शेयरों में डील की है, उसमें से 2 कंपनियों में प्रमोटर्स ने अपने साल के के उच्चतम स्तर से 83 से 84 फीसदी तक के डिस्काउंट क साथ शेयर बेचे हैं। अगर डील में शेयरों के प्राइस की तुलना 24 जनवरी के भाव से करें तो भी 76 फीसदी के भारी डिस्काउंट पर ये डील हुई है।
- अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर, जिसकी उच्चतम कीमत 4190 रुपये थी, इस सौदे में उसे 1410 रुपये में खरीदा गया है। यानी 67 फीसदी का डिक्साउंड मिला है।
- अडानी पोर्ट्स के शेयर, जिसकी उच्चतम कीमत 987 रुपये थी, उसे इस सौदे में 596 रुपये में खरीदा गया है। यानी 40 फीसदी के डिस्काउंट पर।
- अडानी ट्रांसमिशन, जिसकी उच्चतम कीमत 4236 रुपये थी, इस डील में 668 रुपये में खरीदा गया, यानी करीब 85 फीसदी के डिस्काउंट पर डील हुई।
- अडानी ग्रीन जिसका उच्चतम भाव 3050 रुपये था, उसे 505 रुपये पर खरीदा गया यानी करीब 84 फीसदी के डिस्काउंट पर डील हुई।
कौन हैं राजीव जैन?
अडानी के शेयरों में पिछले तीन-चार दिनों में भारी तेजी देखने को मिल रही है। शेयरों में रिकवरी जारी है। इस बीच इस GQG कंपनी के साथ 15446 रुपये की मेगा डील ने संजीवनी का काम किया है। जीक्यूजी के चेयरमैन और सीईओ राजीव जैन मुश्किल की घड़ी में अडानी के लिए दूत बनकर आए है। इस डील से निवेश से ज्यादा भरोसा जीतने में मदद मिलेगी। राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स रणनीतियों के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर के तौर पर वो काम करते हैं। गौतरलब है कि राजीव जैन ने इस कंपनी की शुरूआत जून 2016 की थी। साल 2023 में उनकी कंपनी को मॉर्निंगस्टार फंड मैनेजर ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। उनकी पहचान इक्विटी डील में दिग्गजों के तौर पर है। उनकी टॉप भारतीय शेयरों में ITC, HDFC, RIL, ICICI, SBI, , इंफोसिस, टाटा जैसे बड़े नाम है।