नई दिल्ली : हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों में हाल में गिरावट पर दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अपना आदेश सुना सकता है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच शेयर बाजार के लिए मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के लिए विषय विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के बारे में अपना फैसला सुना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था। इस पर केंद्र ने सहमति जताई लेकिन जब 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तावित विशेषज्ञ पैनल के नामों को लेकर केंद्र की तरफ से सीलबंद लिफाफे में सुझाव दिया गया तो कोर्ट ने उसे सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने विषय विशेषज्ञों की समिति बनाने को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।