नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को अपनी निगेटिव रिपोर्ट दी, जिसके बाद अडानी समूह (Adani Group) को भारी नुकसान हुआ। अडानी समूह के शेयरों (Adani Share) में भारी गिरावट आई। कंपनी का मार्केट कैप को 100 अरब डॉलर घट गया। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। अब अडानी इस शॉर्ट सेलर कंपनी से बदला लेने के मूड में आ गए हैं। अब अडानी हिंडनबर्ग के साथ लीगल फाइट की तैयारी कर रहे हैं। अडानी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी जंग के लिए अमेरिका की बड़ी लॉ फर्म को हायर कर लिया है। अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को हायर किया गया है। आपको बता दें कि वॉचटेल चर्चित और विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर है। दरअसल हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी एक्शन लेकर गौतम अडानी अपने निवेशकों को आश्वास्त करना चाहते हैं, उनका भरोसा जीतना चाहते हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए अडानी समूह ने न्यूयार्क के वॉचटेल, लिफ्टन, रोसेन, काट्ज जैसे बड़े लॉ फर्म और लॉ एक्सपर्ट्स से संपर्क किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अडानी समूह ने वॉचटेल को हायर किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में भी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो याचिकाओं पर आज सुनवाई होने वाली है।
एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट के कारण देश की छवि धूमिल हुई है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए है। उनपर मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन, शेयरों की ओवरप्राइसिंग, अकाउंट में हेराफेरी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
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