नई दिल्ली: पिछला एक साल शेयर बाजार के लिए काफी उथलपुथल वाला रहा। इस दौरान घरेलू इक्विटी मार्केट में केवल चार फीसदी तेजी देखने को मिली। कमजोर वैश्विक संकेतों, महंगाई, रूस-यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन की दिक्कतों, इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और मंदी की आशंका के कारण निवेशकों में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिला। लेकिन इस दौर में भी कई कंपनियों के मार्केट कैप में अच्छा-खासा इजाफा देखने को मिला। इस दौरान कम से कम छह कंपनियों का मार्केट कैप 50,000 करोड़ से अधिक बढ़ गया। इनमें एफएमसीजी कंपनी आईटीसी (ITC) के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली। कंपनी का मार्केट कैप पिछले एक साल में 1.86 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 5,07,374 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले एक साल में आईटीसी के शेयरों में 60 फीसदी तेजी आई है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) है। पिछले एक साल में इस कंपनी का मार्केट कैप 1.72 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 9,34,100 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इस दौरान कंपनी के शेयरों में 22 फीसदी तेजी आई है।
इसी तरह एचडीएफसी (HDFC) का मार्केट कैप पिछले एक साल में 1.02 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। इसका मार्केट कैप 5,06,264 लाख करोड़ रुपये है। पिछले एक साल में इसके शेयरों में 25 फीसदी तेजी आई है। प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के मार्केट कैप में पिछले एक साल में 87,733 करोड़ रुपये की तेजी आई। इसका मार्केट कैप 6,17,477 करोड़ रुपये है। पिछले एक साल में इसके शेयरों में 18 फीसदी तेजी आई है। एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) का मार्केट कैप पिछले एक साल में 70,758 करोड़ रुपये बढ़ा है। अभी कंपनी का मार्केट कैप 5,86,927 करोड़ रुपये है। इस दौरान कंपनी के शेयरों में 19 फीसदी तेजी आई है। इंजीनियरिंग सेक्टर की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो का मार्केट कैप पिछले एक साल में 70,358 करोड़ रुपये बढ़कर 3,11,314 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले एक साल में इसमें 34 फीसदी तेजी आई है।
इन कंपनियों का मार्केट कैप गिरा
हालांकि पिछले एक साल में कम से कम दस कंपनियों के मार्केट कैप में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक गिरावट आई है। सबसे ज्यादा गिरावट अडानी ग्रुप की कंपनियों में आई है। अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) का मार्केट कैप पिछले एक साल में तीन लाख करोड़ रुपये गिरा है। इसी तरह अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) का मार्केट कैप 1.7 लाख करोड़ और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) का 1.7 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों में 62 से 68 फीसदी गिरावट आई है। देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का मार्केट कैप 1.4 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 14 परसेंट गिरावट आई है।
इस लिस्ट में टेक सेक्टर की तीन कंपनियां इन्फोसिस (Infosys), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और विप्रो (Wipro) शामिल हैं। पिछले एक साल में इन्फोसिस के मार्केट कैप में 1.6 लाख करोड़ रुपये, टीसीएस के मार्केट कैप में 1.4 लाख करोड़ रुपये और विप्रो के मार्केट कैप में 94,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। पिछले एक साल में इन कंपनियों के शेयरों में 12 से 31 फीसदी तक गिरावट आई है। पिछले एक साल में बजाज फाइनेंस के मार्केट कैप में 81,327 करोड़, वेदांत के 53,714 करोड़ रुपये और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स के मार्केट कैप में 51,008 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इस दौरान बजाज फाइनेंस के शेयरों में 19 परसेंट, वेदांत के शेयरों में 34 परसेंट और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स के शेयरों में 59 फीसदी गिरावट आई है।
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