ब्यूरो बांदा




बांदा – विगत दिवस से अनशन पर बैठी पीड़िता कलावती अपने पति बच्चों के साथ ग्राम त्रिवेणी में निवासरत है। विगत वर्षो से गांव के ही अपराधिक प्रवत्ति के लोगों द्वारा मिली प्रताड़ना का लिखित संज्ञान जिलाधिकारी बांदा को देते हुए न्याय की मांग के साथ अनशन शुरू कर दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि लगातार सन् 2021 से गांव के जगमोहन, कपिल,रंजीत,राहुल मनीष,अंकित, मोहित द्वारा कई प्रकार की जघन्य घटना को अंजाम देते आ रहे हैं। जिनके मुकदमें न्यायालय में गवाही चल रही है,जिसमें मुझ पीड़िता के पति मोहनलाल का साक्ष्य/गवाही हो चुकी है। परन्तु लगातार कई तारीखों से जिरह जान बूझकर नहीं की जा रही है,और बराबर पीड़िता व उसके पति को विचाराधीन मुकदमें में सुलह होने का दबाव बनाकर नव वर्ष के दिन को घटना कारित की गई। पुनः दिनांक 08.01.2025 को उक्त सभी लोगों द्वारा मोहनलाल के साथ गम्भीर घटना कारित करते हुए दोनों पैर व हांथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त करके तोड़ दिए गए,रूपये व अंगूठी मोबाइल भी छीन ले गये। सूचना पर 112 नम्बर पुलिस के फोन करने पर सरकारी एम्बुलेन्स से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर दोनों पैरों का ऑपरेशन हुआ है।
परन्तु प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना-मटौंध में अंकित हो जाने के बावजूद भी अभी तक अभियुक्तगणों को गिरफ्तरी न होने सेमुझ पीड़िता व उसका परिवार घर व गांव छोड़े यहां वहां दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। उक्त लोगों द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि यदि गांव में आये या कहीं दिख गये,तो सभी लोगों को जान से मार कर ही इकट्ठा हाजिर होंगे। उक्त अभियुक्तगणों के विरूद्ध संगीन एवं सत्य चार मामले मुझ पीड़िता के द्वारा ही दर्ज कराए जा चुके हैं, इसके अलावा भी कई संगीन मामले जैरो हत्या व हत्या की कोशिश 376 आई०पी०सी० आदि के कई मुकदमें और भी दर्ज हैं।
ऐसे खूंखार अपराधी समाज में खुलेआम घूमकर भय व दहशत कायम करते हुए कानून की खुलेआम खिल्ली उड़ा रहे हैं। मजबूरन मैं व मेरा परिवार दहशत व आतंक की जिन्दगी में घुट-घुट कर मरकर जी रहे हैं। यदि पीड़िता व उसके परिवार को ऐसे अपराधियों के हांथों ही मरना है व न्याय नहीं मिलता तो क्यों न स्वयं ही सभी लोग आत्महत्या कर लें, जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। पीड़िता व परिवार को न्याय न मिल पाने की हालत व परिवार की जिन्दगी को देखते हुए आमरण अनशन व आत्महत्या को परिवार सहित मजबूर हो रही है।
