चंदौली। इस बार के दीपावली पर्व पर दुर्लभ और अद्भुत संयोग 500 वर्ष बाद राज योग बन रहा है। ऐसा ज्योतिष विद्वानों का कहना है। दीपावली पर इस दुर्लभ संयोग पूरे जनमानस के लिए शुभ कल्याणकारी साबित होगा।
मां चंचला लक्ष्मी पृथ्वी मंडल पर विराजमान होकर भ्रमण कर अपने भक्तों के घर धनवर्षा भी करेगी। जहां उनका पूजन-अर्चन होगा। वहां धन-धान्य, सुख, वैभव की कमी नहीं होगी।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि पर दीपावली का महापर्व मनाए जाने का शास्त्र विधान है। आचार्य पं. देवेश शुक्ल ने कहा कि दीपावली पर इस साल कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इससे इस त्योहार का महत्व और बढ़ रहा है।
सदियों बाद आठ शुभ योग में 12 नवंबर को मनाई जाने वाली दीपावली रविवार को अमावस्या तिथि दोपहर 2:18 बजे से शुरू होगी, यह पूरी रात्रि काल तक रहेगी। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। साथ में आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बन रहा है।
इस तरह आठ शुभ योग में दीपावली इस बार मनाई जाएगी। आचार्य के अनुसार एक साथ अष्ट महायोग का ऐसा दुर्लभ संयोग वर्षों बाद इस बार ही बन रहा है।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
आचार्य ने बताया कि इस बार बार महा दीपावली पर्व पर महा माया लक्ष्मी पृथ्वी मंडल पर सायं काल 5:36 बजे से रात्रि काल 2:09 बजे तक पृथ्वी मंडल पर विराजमान होकर भ्रमण करेंगी। महा लक्ष्मी पूजन के लिए कुल तीन मुहूर्त शास्त्र के अनुसार बताए गए हैं। पहला वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में यदि दिन में लक्ष्मी पूजन करना है।
स्थिर लग्न कुंभ दोपहर 12:49 बजे से 2:20 बजे के बीच किया जाएगा। दूसरा सर्वोत्तम प्रदोष काल मुहूर्त सायं 5:30 से लेकर रात 11:23 बजे के मध्य किया जाएगा। तीसरा मुहूर्त इस प्रकार है महानिशा में पूजा करने के लिए स्थिर लग्न सिंह का समय रात के 11:49 बजे से रात के 2:09 बजे के बीच किया जाएगा।