गाजियाबाद। मेरे दिमाग में शैतान घुस गया था। कुछ समझ नहीं आया, क्या गलत क्या सही। तब समझ नहीं आया कि क्या कर रहा हूं, लेकिन अब समझ आ रहा है कि मैंने बहुत गलत किया। सात साल की भांजी से अश्लील हरकत कर हत्या करने के आरोपित ने पुलिस के सामने अपने अपराध को कुछ यूं बयान किया और फिर कुछ नहीं बोला।
इस घिनौने कृत्य की शुरुआत आरोपित के पोर्न वीडियो देखने से हुई, जैसा कि पुलिस की छानबीन में सामने आया है। उसका मोबाइल को खंगाला तो उसमें कई अश्लील वीडियो मिले। इनसे पता चलता है कि आरोपित अश्लील वीडियो देखता था।
प्रलोभन देकर बच्ची को कमरे में ले गया था आरोपी
पता चला है कि घटना को अंजाम देने से पहले वह अपने घर में अकेले यही वीडियो देख रहा था। इसके बाद वह बच्ची के पास गया और उसे मामा के घर से बुलाकर काजू-बादाम खिलाने का प्रलोभन देकर अपने कमरे में ले गया।
रिश्तों को भुलाकर खुद को मामा बुलाने वाली मासूम से न सिर्फ गलत काम किया बल्कि मुंह दबाकर उसकी आवाज को हमेशा के लिए शांत कर दिया ताकि उसकी इस शर्मनाक हरकत के बारे में दूसरों को न पता चले। मगर अपने मंसूबों में वह कामयाब नहीं हो पाया। बच्ची का शव उसकी नापाक हरकत की गवाही साफ दे रहा था।
बच्चों को कैसे बचाएं?
बच्चों से होने वाली ऐसी अधिकांश घटनाओं में करीबी ही सामने आता है। चाहे वह पड़ोसी हो, शिक्षक हो, रिश्तेदार, माता-पिता का दोस्त या पड़ोसी। जिला एमएमजी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अनिल कुमार विश्वकर्मा का कहना है कि बच्चों को रिश्तेदारी में जाने से तो नहीं रोक सकते।
तेजी से बदलते समाज में बच्चों को यौन शोषण से बचाना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इसीलिए बच्चों को सही गलत के बारे में ढंग से बताना जरूरी हो गया है।
शिक्षा नीति में भी यह प्रविधान किया जा रहा है कि उन्हें गुड व बैड टच की पहचान करना सिखाएं। माता-पिता उनकी बात सही तरीके से सुनें और वे क्या बता रहे हैं, इसको लेकर भी स्पष्ट रहें।