नई दिल्ली : हाल ही में तुर्किये में ऐसा भूकंप आया था जिसमें 35 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। तुर्किये में विनाशकारी भूकंप आने से तीन दिन पहले ही इसकी भविष्यवाणी हो चुकी है। नीदरलैंड के रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने 3 फरवरी को ही ट्वीट कर भूकंप की आशंका जताई थी। भविष्यवाणी के तीन दिन बाद ही तुर्किये और सीरिया में 7 से अधिक की तीव्रता का भूकंप आ गया। अब एक बार फिर से फ्रैंक के पूर्वानुमान से भारत समेत अफगानिस्तान और पाकिस्तान में टेंशन बढ़ गई है। फ्रैंक ने अब भारत के साथ ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप आने की भविष्याणी की है। हूगरबीट्स का कहना है कि इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान होगा।
जैसा कि उनकी पहली भविष्यवाणी सच हुई, हूगरबीट्स का एक और वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है कि जल्द ही एक बड़ा भूकंप भारतीय उपमहाद्वीप में आ सकता है। यह हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में प्रभाव डाल सकता है। वीडियो में उन्हें भूकंप के प्रभाव के बारे में बताते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने एक ट्वीट में स्पष्ट रूप से यह भी कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं: बैंगनी बैंड संभावित टूटने वाले क्षेत्र (एसआईसी) का संकेत नहीं देते हैं। वे भूकंप के समय क्षेत्रों को चिह्नित करते हैं। सूर्य के सापेक्ष वायुमंडलीय उतार-चढ़ाव और उस बैंड में या उसके पास एक बड़ा कंपन हो सकता है। मैंने वीडियो में इसे कई बार समझाया है।
डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGEOS) के लिए काम करते हैं। फ्रैंक ग्रहों की चाल के आधार पर भूकंप का पूर्वानुमान लगाते हैं। इनकी संस्था एसएसजीईओएस भूकंप की गतिविधियों का अनुमान लगाने के लिए आकाशीय ग्रहों की निगरानी करती हैं। हालांकि, ट्विटर यूजर्स ने यह कहते हुए पोस्ट को फ्लैग कर दिया कि भूकंप की भविष्यवाणियों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यूजर्स का कहना है कि एक्टिव फॉल्ट्स वाले स्थानों में भूकंप के लिए हमेशा एक मौका होता है।