कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को जिला अस्पताल परिसर में साढ़े बारह लाख रुपए की लागत से बने 6 हजार लीटर क्षमता वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने डायलिसिस वार्ड में डायलिसिस की दो नई मशीनों का भी लोकार्पण किया।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों के मरीजों का 5 लाख रुपए तक का निशुल्क उपचार जाने-माने अस्पतालों में कराया जाता है। जिला अस्पताल में भी मरीजों के उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
मंत्री पटेल ने कहा कि हरदा अस्पताल में अब मरीजों को रेफर नहीं किया जाएगा, बल्कि इंदौर भोपाल जैसी उपचार की सभी जरूरी सुविधाएं यहां के जिला अस्पताल में भी उपलब्ध होंगी। इस दौरान कृषि मंत्री पटेल ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों से अच्छा व्यवहार किया जाए। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचपी सिंह और सिविल सर्जन डॉक्टर मनीष शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
सिविल सर्जन डॉ. शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल परिसर में 17 करोड़ रुपए लागत से 100 बेड का अस्पताल भवन निर्मित किया जा रहा है। इसके अलावा 16 करोड़ रुपए लागत से अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट भी स्वीकृत हो गई है, जिससे यहां के मरीजों को काफी सुविधा होगी।
उन्होंने बताया कि नए ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण हो जाने से अब मरीजों को पर्याप्त प्रेशर के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी। पहले ऑक्सीजन के जो कंसेंट्रेटर प्लांट लगे थे वह वायुमंडल से ऑक्सीजन लेकर अपना कार्य करते थे, जिसमें पर्याप्त प्रेशर नहीं आता था और बिजली या जनरेटर की आवश्यकता भी होती थी। नए ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण हो जाने से जिला अस्पताल ऑक्सीजन के मामले में अब आत्मनिर्भर हो जाएगा।