नई दिल्ली: आह ऊह आउच… यह पहली नजर में पढ़ने पर जरूर आपको थोड़ा फनी लगेगा, लेकिन ऐसा है नहीं। खासकर डेविड वॉर्नर के बारे में तो बिल्कुल भी नहीं। ऋषभ पंत की गैर मौजूदगी में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करने वाले डेविड वॉर्नर के बल्ले से भले ही 4 मैचों में 209 रन निकले हैं, लेकिन यह आंकड़े उनकी रियल इमेज को परिषाभित नहीं करती है। वह मैदान स्ट्रगल करते नजर आए हैं।
डेविड वॉर्नर को खासकर मुंबई इंडियंस के खिलाफ काफी परेशानी हुई। वह लगातार रन बनाने के लिए जूझ रहे थे। थोड़ा लकी रहे एक कैच भी उनका ड्रॉप हुआ। वॉर्नर हर सिंगल के बाद खुद से नाराज दिखे और बार-बार अपना गुस्सा निकालते नजर आए। वॉर्नर ऐसे बल्लेबाज नहीं हैं, जो मैदान पर रहें और स्ट्राइक रेट सौ-सवा सौ रहे। वह ऐसे बल्लेबाज माने जाते हैं जो कुछ देर मैदान पर टिकने के बाद विपक्षी टीम के गेंदबाजों की नाक में दम कर देते हैं।
डेविड वॉर्नर 19वें ओवर में आउट हुए तो उनके खाते में 47 गेंदों में 6 चौके की मदद से 51 रन थे। यह काफी बोरिंग बैटिंग का नजीजा था। वह लगातार बड़ी हिट लगाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कामयाब नहीं हो रहे थे। इस चक्कर में उन्हें मेरेडिथ की ओर से किए गए 18वें ओवर की तीसरी गेंद पर चोट भी लगी। गेंद उनके सीने पर लगी तो वह दर्द से बिलबिला उठे, लेकिन इसके बावजूद वह मैदान पर डंटे रहे।
दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी जब उन्हें मिली थी तो फ्रेंचाइजी को उम्मीद थी कि वह टी-20 वर्ल्ड कप 2021 या फिर आईपीएल 2016 की तरह अपनी लाजवाब बैटिंग से टीम मैनेजमेंट और फैंस को खुश कर देंगे, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। टीम हार का चौका लगा चुकी है तो वॉर्नर की पर्सनल उपलब्धि के तौर पर 200 से अधिक रन खाते में हैं, जिसमें 27 चौके तो हैं, लेकिन एक भी छक्का शामिल नहीं है।
डेविड वॉर्नर ने भी यह स्वीकार किया कि वह तेजी से बैटिंग नहीं कर पा रहे हैं। इस उम्र का तकाजा भी नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि पिच के बीच में वह काफी तेजी से दौड़ लगा रहे हैं। इसमें कोई कम नहीं आई है। उम्मीद है जब वह अगले मैच में उतरेंगे तो पिछली नाकामियों को पीछे छोड़ देंगे।
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