नई दिल्ली। हवा की रफ्तार कम होने से राजधानी में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ रहा है। बुधवार को 13 इलाकों की हवा ”खराब” श्रेणी में रही। यह बात अलग है कि समग्र तौर पर हवा ”मध्यम” श्रेणी में रिकार्ड हुई। लेकिन बृहस्पतिवार को इसके भी 200 का आंकड़ा पार कर ”खराब” श्रेणी में पहुंच जाने के आसार हैं।
गौरतलब है कि जून से सितंबर तक हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत साफ रही थी, लेकिन हवा की दिशा बदलने से छह और सात अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता ”खराब” हो गई थी। केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने इसी के मद्देनजर ग्रेप का पहला चरण दिल्ली-एनसीआर में लागू किया था।
200 से ऊपर रहा एक्यूआई
बाद में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ और एक्यूआई 200 के नीचे आ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई 193 रहा। इस स्तर की हवा ”मध्यम” श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन चिंता की बात यह है कि 13 इलाकों का एक्यूआई 200 से ऊपर यानी ”खराब” श्रेणी में पहुंच चुका है।
हवा की रफ्तार भी हुई धीमी
हवा की रफ्तार कम होने से वातावरण में प्रदूषक कणों का बहाव भी धीमा हो गया है। इससे प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई है। वायु गुणवत्ता पर बने अर्ली वार्निंग सिस्टम के मुताबिक, अगले दो-तीन दिनों के बीच वायु गुणवत्ता ”खराब” श्रेणी के निचले स्तर पर रह सकती है।
उधर एनसीआर के शहरों की बात करें तो फरीदाबाद का 194, गाजियाबाद का 168, ग्रेटर नोएडा का 231, गुरुग्राम का 147 जबकि नोएडा का 149 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआइ ”खराब” जबकि अन्य सभी जगह ”मध्यम” श्रेणी में रहा।
बुधवार को दिल्ली के इन इलाकों की हवा रही सबसे ज्यादा ”खराब”
मोती बाग- 273
एनएसआईटी द्वारका- 279
एनएसआईटी द्वारका- 279
बवाना- 232
दिलशाद गार्डन- 220