नई दिल्ली: एक जमाना था कि दिल्ली में भी बिजली कटौती (Power Cut) होती थी। दिल्ली के पड़ोसी गाजियाबाद की तो बात ही मत पूछिए। वहां तो रोज आठ घंटे की घोषित कटौती होती थी। अघोषित कटौती कितनी होगी, इसका जवाब कोई नहीं दे सकता था। लेकिन अब हालात बदले हैं। देश में जितनी बिजली की कुल डिमांड है, उससे ज्यादा की उत्पादन क्षमता है। बीते कुछ वर्षों के दौरान डिस्ट्रीब्यूशन चैनल में भी आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। इससे महानगरों और शहरों में ही नहीं, गांवों में भी बिजली की सप्लाई 18 से 20 घंटे रोज होने लगी है। इसका असर भी दिखा है। बिजली से चलने वाले उपकरणों की बिक्री खूब बढ़ रही है। गांवों में भी अब एसी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे उपकरणों की तेज बिक्री हो रही है। इस बीच खबर आई है कि इस साल एयर कंडीशनर या एसी (AC) के दाम नहीं बढ़ेंगे।
क्यों नहीं बढ़ेंगे एसी के दाम?
एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनी ब्ल्यू स्टार (Blue Star) के मैनेजिंग डायरेक्टर बी. त्यागराजन (B. Thiagarajan) से हमने इस बारे में बात की। उनका कहना है कि चाहे विंडो एसी की बात करें या स्प्लिट एसी की, किसी के दाम नहीं बढ़ेंगे। दरअसल पिछले साल ही एक जुलाई से एसी के स्टार रेटिंग में अपग्रेडेशन हुआ था। अब अगला अपग्रेडेशन एक जनवरी 2025 से होगा। स्टार अपग्रेडेशन होने से एसी ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट तो हुए थे, लेकिन इसके दाम में भी बढ़ोतरी हो गई थी। आमतौर पर जब स्टार रेटिंग का अपग्रेडेशन होता है तो एसी ज्यादा एफिशिएंट हो जाता है। उस एसी में बिजली की खपत करीब 10 फीसदी घट जाती है। इसी के साथ एसी के दाम में भी करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है। यह पिछले साल ऐसा ही हुआ है। साथ ही पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरु होने से कॉपर की कीमतों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई थी। इस साल कॉपर की कीमतें (Copper Price) लगभग स्थिर हैं। इसलिए एसी के बाजार में दाम बढ़ने की संभावना एकदम से कम है। हां, यदि रुपया और डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट बिगड़ता है तो अलग बात है।
एसी की बिक्री बढ़ेगी
त्यागराजन का कहना है कि इस साल होम एसी की बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी होगी। उनके मुताबिक एसी की बिक्री में करीब 25 फीसदी का इजाफा होगा। उनका कहना है कि अभी भी भारत में एसी का पेनीट्रेशन काफी कम है। देश में इस समय करीब 40 करोड़ गृहस्थ हैं। इनमें से महज एक करोड़ लोगों के घर में ही एसी लगा हुआ है। शहरों में भी 7-9% घरों में ही एसी लगे हैं। इसके विपरीत विकसित देशों के शहरों में 90 फीसदी घरों में आपको एसी दिखेगा। भारती अर्थव्यवस्था में इस समय जिस तरह से विस्तार हो रहा है, उसके फलस्वरूप लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है। साथ ही शहरों, कस्बों और गांवों में भी बिजली की सप्लाई बेहतर हुई है। इस वजह से अब गांवों में भी एसी की बिक्री अच्छी हो रही है। उनका कहना है कि सिर्फ इसी साल ही नहीं, बल्कि अगले पांच साल तक एसी की बिक्री में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
सरकार की पीएलआई स्कीम का मिलेगा लाभ
उनका कहना है कि सरकार ने जो पीएलआई (Production Linked Incentive (PLI) स्कीम शुरु किया है, उसका इंडस्ट्री में बेहतर रिस्पांस दिखा है। देशी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। इकरा ICRA की एक रिपोर्ट बताती है कि सरकार की इस पीएलआई स्कीम पर अभी तक ₹4,806 crore के इनवेस्टमेंट का कमिटमेंट आ चुका है। सरकार ने इस मद में ₹6,238 crore की इंसेंटिव देने की बात कही है। इससे एसी इंडस्ट्री की आयात पर निर्भरता घटेगी।
इस समय आयात पर निर्भर है यह उद्योग
इस समय देश के एसी उद्योग की आयात पर निर्भरता 60-70% है। पीएलआई स्कीम शुरू होने के बाद माना जा रहा है लॉन्ग टर्म में यह घट कर 20-30% पर आ जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस समय भारतीय रूम एसी बनाने वाले का लोकलाइजेशन लेवल महज 30-40% फीसदी ही है। एसी के मुख्य कंपोनेंट जैसे कंप्रेसर (Compressor), कंट्रोलर (Controller), मोटर (Motor), पंखे (Fans), हीट एक्सचेंजर क्वायल (Heat exchanger coils) और पीसीबी PCBs आदि चीन (China), थाइलैंड (Thailand) और मलेशिया (Malaysia) जैसे देशों से आते हैं।