फतेहाबाद। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव मंडल ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार के रेवेन्यू विभाग ने 31 अक्टूबर को फतेहाबाद जिले का खरीफ 2022 का भारी बारिश व जलभराव से बर्बाद फसलों का 125 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी किया है। यह जीत किसानों व किसान संगठनों के द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले लगातार चलाए गए आंदोलन और संघर्ष का परिणाम है।
किसानों के हक की इस लड़ाई में अखिल भारतीय किसान सभा ने भी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है। किसान सभा के जिला सचिव मास्टर राजेंद्र बाटू ने बताया कि इस वर्ष आई विनाशकारी बाढ़ से फतेहाबाद जिले के हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई थीं। इसके साथ-साथ रिहायशी मकानों, ढाणियों, ट्यूबवेलों को भी भारी नुकसान पहुंचा था।
इस साल बारिश न होने के चलते फसलें आई सूखे की चपेट में
फतेहाबाद जिले के दर्जनों गांवों के सेम ग्रस्त होने के कारण हजारों एकड़ भूमि खाली पड़ी हैं। किसान सभा के जिला प्रधान विष्णु दत्त ने कहा कि जिले के एक बड़े भाग में बारिश न होने के कारण फसलें सूखे की चपेट में आई।
इन तमाम मुद्दों को लेकर किसानों ने बार-बार प्रशासन व सरकार को अवगत कराया है और जिला मुख्यालय पर डेढ़ महीने के करीब पड़ाव भी डाला गया था।
मजदूरों को प्रति परिवार 20 हजार रुपये देने की हुई मांग
इसके बाद सरकार ने किसानों को नुकसान के आंकड़े पोर्टल पर दर्ज करने को कहा था, लेकिन सभी किसान पोर्टल की जानकारी न होने के कारण या पोर्टल के सही तरह से न चलने के कारण अपनी फसल खराबे का ब्यौरा दर्ज नहीं कर पाए थे।
बाढ़, सूखा, सेम आदि हालातों के चलते मजदूर को भी काम में मिलने की स्थिति का सामना करना पड़ा जिसे उनके रोजी-रोटी पर संकट आया है। इसलिए मजदूरों को भी प्रति परिवार कम से कम 20 हजार की सहायता दी जाए।
किसान सभा पुरजोर मांग करती है कि सभी पीडि़त किसानों, मजदूरों को तुरंत मुआवजा जारी किया जाए और पोर्टल की शर्त हटाई जाए।