कर्ज में डूबी किशोर बियानी (Kishore Biyani) की कंपनी फ्यूचर ग्रुप
(Future group) के शेयरों में आज बंपर तेजी है। कंपनी के शेयर शुरुआती
कारोबार में लगभग 5% की तेजी के साथ 3.83 रुपये पर पहुंच गए। कंपनी के शेयर
आज अपर सर्किट में हैं। वहीं, पिछले महीने इस फ्यूचर रिटेल की ट्रेडिंग
बंद (Future retail trading) कर दी गई थी। दरअसल, कंपनी दिवालियपन की
प्रक्रिया से गुजर रही है और अब खबर है कि इसे खरीदने के रेस में मुकेश
अंबानी (Mukesh Amabni) और गौतम अडानी (Gautam Adani) जैसे दिग्गज रेस में
हैं।
अंबानी-अडानी से कनेक्शन
दरअसल, कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को खरीदने की रेस में मुकेश अंबानी की रिलायंस और गौतम अडानी समूह भी शामिल है। गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की कंपनी उन 15 बोलीदाताओं में शामिल हैं, जिन्होंने फ्यूचर रिटेल की संपत्ति हासिल करने के लिए अपनी रुचि पत्र (EoI) भेजे हैं। इसके अलावा कैपरी ग्लोबल होल्डिंग्स, ओपी जिंदल ग्रुप की नलवा स्टील एंड पावर, शालीमार कॉरपोरेशन सहित अन्य कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई है।
दरअसल, कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को खरीदने की रेस में मुकेश अंबानी की रिलायंस और गौतम अडानी समूह भी शामिल है। गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की कंपनी उन 15 बोलीदाताओं में शामिल हैं, जिन्होंने फ्यूचर रिटेल की संपत्ति हासिल करने के लिए अपनी रुचि पत्र (EoI) भेजे हैं। इसके अलावा कैपरी ग्लोबल होल्डिंग्स, ओपी जिंदल ग्रुप की नलवा स्टील एंड पावर, शालीमार कॉरपोरेशन सहित अन्य कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई है।
अब तक 92% टूट चुका शेयर
दिवालियापन से गुजर रही फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयर 10 अक्टूबर से ही BSE-NSE पर कारोबार नहीं कर रहे हैं। यानी इस शेयर की ट्रेडिंग बंद कर दी गई है। फ्यूचर रिटेल के शेयर लास्ट 3.60 रुपये पर बंद हुए थे। यह शेयर ने इस साल अब तक अपने निवेशकों को 92% से ज्यादा का नुकसान करा दिया है। बता दें कि आमतौर पर डी-लिस्टिंग तब होता है जब कोई कंपनी अपने संचालन को रोक देती है या मर्जर, विस्तार या पुनर्गठन करना चाहती है। जो कंपनी नियमों का सही पालन नहीं करती है या दिवालिया प्रक्रिया में होती है तब भी ट्रेडिंग पर रोक लगती है।
दिवालियापन से गुजर रही फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयर 10 अक्टूबर से ही BSE-NSE पर कारोबार नहीं कर रहे हैं। यानी इस शेयर की ट्रेडिंग बंद कर दी गई है। फ्यूचर रिटेल के शेयर लास्ट 3.60 रुपये पर बंद हुए थे। यह शेयर ने इस साल अब तक अपने निवेशकों को 92% से ज्यादा का नुकसान करा दिया है। बता दें कि आमतौर पर डी-लिस्टिंग तब होता है जब कोई कंपनी अपने संचालन को रोक देती है या मर्जर, विस्तार या पुनर्गठन करना चाहती है। जो कंपनी नियमों का सही पालन नहीं करती है या दिवालिया प्रक्रिया में होती है तब भी ट्रेडिंग पर रोक लगती है।