नई दिल्ली: अमेरिका को कौन नहीं जानता? यह दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। लेकिन यदि आर्थिक मोर्चे पर बात करें तो इन दिनों अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) के लिए हर तरफ से निगेटिव खबरें आ रही हैं। वहां बीते कुछ महीने में ही कई बड़े बैंक डूब गए। बताया जाता है कि कई और बैंक डूबने की कगार पर हैं। अब खबर आ रही है कि अमेरिका लोन रिपेमेंट (Loan Repayment) में डिफॉल्ट कर सकता है। यह बात खुद वहां की वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Janet Yellen) ने सोमवार को कही है।
क्या कहा वित्त मंत्री ने
अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बीते सोमवार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ऋण सीमा (Debt Ceilling) बढ़ाने में विफल रहती है, तो अमेरिका 1 जून की शुरुआत में नकदी से बाहर हो सकता है। इसके बाद अपने डेट रिपेमेंट पर डिफ़ॉल्ट हो सकता है। येलेन ने एक बयान में कहा कि यदि कांग्रेस एक जून से पहले ऋण सीमा में बढ़ोतरी नहीं की गई तो हम जून की शुरुआत तक सरकार के सभी दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ रहेंगे।
संकट में हैं अमेरिकी बैंक
बीते कुछ महीने पर नजर डालें तो वहां कई बैंक डूब गए हैं। यही नहीं, आगे भी संकेत ठीक नहीं हैं। बताया जाता है कि वहां के कई और बैंक डूब सकते हैं। क्योंकि लोगों ने कुछ ही दिनों में बैंकों से एक लाख करोड़ डॉलर से अधिक निकाल लिए हैं। इससे कंगाली में आटा गीला वाली हालत हो गई हैं। उधर, अमेरिकी डॉलर को इस समय पूरी दुनिया में कड़ी चुनौती मिल रही है। कई देशों ने डॉलर के बजाय अपनी या फिर किसी दूसरी करेंसी में ट्रेड करना शुरू कर दिया है। इस समय वहां का डेट टु जीडीपी रेश्यो (Debt to GDP Ratio) भी रेकार्ड स्तर तक पहुंच गया है।
पहली बार डिफॉल्ट होने का खतरा
अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। इससे पहले अमेरिका पर कभी भी डिफॉल्ट होने का खतरा नहीं मंडराया था। दरअसल, आगामी जुलाई तक अमेरिका की डेट सीलिंग (Debt Ceiling) नहीं बढाई गई तो तबाही आने की बात की जा रही है। डिफॉल्ट होने के अपने खतरे हैं। अनुमान लगाया गया है कि अगर अमेरिका ने डिफॉल्ट किया तो 70 लाख से अधिक नौकरियां एक झटके में खत्म हो जाएंगी। इससे अमेरिकी जीडीपी में भी गिरावट आएगी। जब दुनिया की अग्रणी इकॉनमी में ही ऐसा होगा तो दुनिया के अन्य देशों पर भी इसका असर पड़ना तय है।
इस साल जनवरी में भी दी थी चेतावनी
अमेरिकी वित्त मंत्री ने इस तरह की चेतावनी कोई पहली बार नहीं दी है। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमेरिका जून तक कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट कर सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिका डेट लिमिट को पार कर चुका है। इसलिए तो येलन ने संसद से जल्दी से जल्दी डेट लिमिट बढ़ाने का अनुरोध किया था।