नई दिल्ली: लाल सागर पर हूती विद्रोहियों के हमलों को देखते हुए अमेरिका ने सख्त रूप अपना लिया है. अमेरिका के नेतृत्व में बारह देशों ने बुधवार को संयुक्त रूप से यमन के हूती विद्रोहियों को चेतावनी (US Warn Houthi Rebels) दी कि अगर उन्होंने लाल सागर के शिपिंग जहाजों पर हमले बंद नहीं किए तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे. व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में कहा गया, “हमारा संदेश अब साफ है कि हम इन अवैध हमलों को तत्काल खत्म करने और गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए गए जहाजों और चालक दल की रिहाई का आह्वान करते हैं.”
“हूती अगर हमले जारी रखेगा तो भुगतने होंगे परिणाम”
बयान में कहा गया कि “अगर हूती विद्रोही लोगों की जिंदगियों, वैश्विक अर्थव्यवस्था और क्षेत्र के अहम जलमार्गों में कॉमर्स के फ्लो को खतरे में डालना जारी रखते हैं तो इसके परिणामों की जिम्मेदारी उन्हें खुद उठानी होगी.” यह बयान उन कई रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि अगर हूती विद्रोहियों ने हमले जारी रखे तो राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन विद्रोहियों पर सीधे हमले पर विचार कर रहा है.
हूती विद्रोहियों को सीधी कार्रवाई की चेतावनी
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में ब्रिटेन भी शामिल है. ब्रिटेन ने भी सोमवार को हूती विद्रोहियों को “सीधी कार्रवाई” की चेतावनी जारी की, साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और जापान भी इसमें शामिल रहे. वहीं बहरीन एक मात्र क्षेत्रीय देश था, जिसने बयान पर हस्ताक्षर कर दूसरे देशों का समर्थन किया. बता दें कि हूतियों का समर्थन करने वाले ईरान के साथ बहरीन के संबंध तनावपूर्ण हैं.
इजरायल से जुड़े जहाजों को बना रहे निशाना-हूती
वहीं हूतियों का कहना है कि वे गाजा में इजरायल-हमास युद्ध में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाकर फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता से काम कर रहे हैं. अमेरिका ने इस क्षेत्र में एक विमानवाहक पोत, यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर भेजा है और पहले लाल सागर में आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए देशों के गठबंधन की घोषणा की थी. दरअसल लाल सागर से होकर ही विश्व का 12 प्रतिशत व्यापार आगे बढ़ता है.