जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वोट बैंक को साधने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। वोट बैंक साधने के लिहाज से गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश में तीन नये जिले बनाने की घोषणा की है। ऐसे में अब प्रदेश में जिलों की संख्या 53 हो जाएगी। करीब तीन महीने पहले गहलोत ने 17 जिले बनाए थे। इससे पहले प्रदेश में 33 जिले थे।
सुजानगढ़, मालपुरा और कुचामन बनेंगे नए जिले
गहलोत ने जयपुर में आयोजित गौ सेवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुजानगढ़, मालपुरा और कुचामन को नये जिले बनाने का ऐलान किया है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले हुई इस घोषणा को चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
तीन महीने पहले बनाए गये 17 जिलों में डीडवाना-कुचामन एक जिला बनाया गया था। लेकिन शुक्रवार को दोनों को अलग-अलग करते हुए कुचामन नया जिला बनाने की बात कही गई है। इसके साथ ही चूरू से सुजानगढ़ और टोंक से मालपुरा को अलग करके नये जिले बनाने की घोषणा की गई है।
गहलोत ने कहा कि तीनों जिलों को लेकर रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट आ चुकी है। कुचामन और नावां क्षेत्र के लोग अलग जिले बनाने की मांग कर रहे थे।
नए जिले बनाने से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं
सुजानगढ़ के विधायक और स्थानीय लोग भी लंबे समय से मांग कर रहे थे। इसके लिए धरने दिए, प्रदर्शन किए।अब तीनों जिलों का सीमांकन होगा। सीमांकन के बाद इनका नोटिफिकेशन जारी होगा। मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर स्थानीय नागरिक लंबे समय से धरना दे रहे थे।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा, बिना प्रशासनिक तैयारी के राजनीतिक लाभ लेने के लिहाज से नये जिले बनाने की घोषणा की गई है। शेखावत ने कहा, बिना भौगोलिक स्थिति देखे हुए जल्दबाजी में नए जिले बनाने से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा।