इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में मिली विवादास्पद किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ की खरीदी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। किताब को 2014 में कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य डॉ. सुधा सुरेश सिलावट के समय खरीदा गया था। बुक बैंक योजना के तहत केवल एससी-एसटी के स्टूडेंट्स को ये किताब नि:शुल्क दी गई। डॉ. सुधा के पति डॉ. सुरेश सिलावट राऊ के कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। डॉ. सुरेश मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के भाई हैं।
इस किताब पर विवाद के बाद एक जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में डॉ. सुधा सुरेश सिलावट के पति भी शामिल हैं। बता दें, इस किताब से धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाने के आरोप लगे हैं। किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान ने केस दर्ज होने के बाद अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिया है। वहीं, विवाद के बाद प्रिंसिपल पद से इस्तीफा वाले डॉ. इनामुर्रहमान का कहना है कि जिन्होंने बुक बुलवाई थी, वही इस किताब के बारे में बताएं।
प्रोफसर्स और स्टूडेंट्स को इशू नहीं हुई किताब
विवादास्पद किताब को लेकर दैनिक भास्कर से चर्चा में डॉ. इनामुर्रहमान ने कहा कि ‘किताब 2011-12 की है। 2014 में शासकीय लॉ कॉलेज ने किताब खरीदी थी। मेरे कार्यकाल में किताब किसी को इशू नहीं हुई है। न तो किसी प्रोफेसर ने और न ही किसी स्टूडेंट ने ये किताब इशू करवाई है। ये किताब बुक बैंक के तहत एससी-एसटी बच्चों को किताब नि:शुल्क दी जाती है। हर पन्ना तो कोई पढ़ता नहीं है। कुछ आपत्तिजनक और निंदनीय बयान लिखे हुए हैं। जो लिखा गया वो गलत है। अब जो बुक सेलर है और जिन्होंने बुक बुलवाई उनकी नजर नहीं पड़ी, ये तो वो बताएं।’
शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में कब कौन प्राचार्य रहे
डॉ. निशा दुबे (प्रभारी) 19-11-2003 से 29-12-2006 तक
डॉ. जेके जैन (प्रभारी) 29-12-2006 से 19-05-2010 तक
डॉ. सुधा सुरेश सिलावट 19-05-2010 से 05-10-2015 तक
डॉ. शोभा सुद्रास 17-06-2015 से 28-08-2019 तक
डॉ. इनामुर्रहमान 29-08-2019 से अब तक (इस्तीफा दिया)
पूर्व प्राचार्य सुद्रास ने कहा- मैंने कभी नहीं देखी किताब
विवादास्पद किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ को लेकर लॉ कॉलेज में 2015 से 2019 तक प्रिंसिपल रही डॉ. शोभा सुद्रास का कहना है कि इसे 2014 में खरीदा गया था। मेरे कार्यकाल में मैंने इसे कभी नहीं देखा। मेरे कार्यकाल में किताब वितरित हुई या नहीं ये लाइब्रेरी के रिकॉर्ड में दिखेगा।
डॉ. सुधा सुरेश सिलावट के पति जांच समिति में शामिल
डॉ. सुधा सुरेश सिलावट 19 मई 2010 से 05 अक्टूबर 2015 तक शासकीय लॉ कॉलेज में प्राचार्य रहीं। उनके बाद के प्राचार्यों का कहना है कि साल 2014 में ही किताब खरीदी गई, यानी डॉ. सुधा सुरेश सिलावट ने ही किताब की खरीदी की थी। डॉ. सुधा सुरेश सिलावट फिलहाल शासकीय कॉलेज राऊ में प्रिंसिपल है। डॉ. सुधा के पति डॉ. सुरेश सिलावट होलकर साइंस कॉलेज के प्राचार्य हैं। वे लॉ कॉलेज विवाद मामले में बनाई जांच कमेटी में भी शामिल हैं।
शनिवार को अतिरिक्त संचालक किरण सलूजा और अन्य सदस्यों के साथ वे लॉ कॉलेज भी गए थे। उन्हें पिछले महीने ही उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक पद से हटाया गया है। अतिरिक्त संचालक पद के अलावा कॉलेज प्राचार्य का प्रभार उनके पास था। डॉ. सुरेश सिलावट के भाई तुलसीराम सिलावट मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं। मामले को लेकर डॉ. सुधा सिलावट से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया।
एफआईआर के बाद टीआई को लिखा पत्र
किताब पर विवाद के बाद प्राचार्य पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. इनामुर्रहमान ने मामले में केस दर्ज होने के बाद भंवरकुआं थाना प्रभारी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘विवादित किताब वर्ष 2014 में खरीदी गई थी, उस समय में इस कॉलेज में मैं पदस्थ नहीं था और न ही मेरा इस कॉलेज से कोई संबंध था। इस किताब से संबंधित साक्ष्य कॉलेज में उपलब्ध है। मेरा इस कॉलेज में प्राध्यापक के रूप में मार्च 2019 में उच्च शिक्षा विभाग मप्र शासन के निर्देश से स्थानांतरण हुआ था। उपरोक्त समय तत्कालीन प्राचार्य के निलंबन होने के कारण 29 अगस्त 2019 से मैं प्राचार्य के पद पर पदस्थ हूं। ऐसी स्थिति में वह पुस्तक मेरे संज्ञान में नहीं थी। रिकॉर्ड देखने पर पता चला कि किताब मेरे कार्यकाल में किसी को इशू भी नहीं की गई। मुझसे दबाव बनाकर मेरी इच्छा के विरुद्ध प्राचार्य पद से इस्तीफा भी लिया गया है।’