रायपुर/नई दिल्ली । शराब घोटाला केस में फंसे अनवर ढेबर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अनवर की जमानत याचिका को वेकेशन बैंच को ट्रांसफर कर दिया है। जिस पर संभवत: 29 तारीख को सुनवाई होगी। कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए, और कहा कि सीएम का नाम लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कोर्ट ने याचिका स्वीकृत होने की जानकारी मिलने के बाद भी गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई।
जस्टिस संजय किशनकौल, और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ में अनवर ढेबर की अलग-अलग दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। अनवर की तरफ से पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती दी गई है, इसमें ईडी किसी को भी बिना कारण बताए पूछताछ के लिए बुलाने का प्रावधान है।
कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तिथि 18 जुलाई निर्धारित की है। इसकी सुनवाई अनिल टुटेजा, और यश टुटेजा की याचिका के साथ होगी। अनवर ढेबर ने जमानत के लिए भी याचिका लगाई थी। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे पूर्व अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, और सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि याचिकाकर्ता ईडी को लगातार सूचित कर रहे थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में याचिका स्वीकृत होने की जानकारी भी दी गई थी। याचिका स्वीकृत होने के बाद गिरफ्तारी की गई।
अधिवक्ताओं ने ईडी की कार्रवाई को गैर जिम्मेदाराना करार दिया। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। अवकाशकालीन बैंच में केस को ट्रांसफर कर दिया है। संभवत: 29 तारीख को जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी हस्तक्षेप याचिका लगाई है।
छत्तीसगढ़ सरकार की पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि कथित शराब घोटाले में सीएम का नाम लेने के लिए प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने ईडी के दबाव के चलते काम करने से मना कर रहे हैं। उन्होंने इस सिलसिले में सीएम को ज्ञापन भी दिया है। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों की याचिका लंबित है उन्हें प्रताडि़त न किया जाए। ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने पैरवी की।