HAL तेजस आधुनिक भारत की सक्सेस स्टोरी है। बेहद हल्के इस मल्टीरोल फाइटर जेट की दुनिया दीवानी है। 52,000 फीट की ऊंचाई पर भी HAL तेजस आराम से आवाज की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। अब भारत तेजस क्लास में ही और ऐडवांस्ड कॉम्बैट एयरक्राफ्ट डिजाइन कर रहा है। प्रोटोटाइप को तेजस मार्क-2 या Mk2 नाम दिया गया है। यह जगुआर, मिराज 2002 और मिग-29 जैसे घातक लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। फिलहाल इसका 82% हिस्सा स्वदेशी है जो बाद में 90% से ज्यादा हो जाएगा। तेजस एमके-2 की तुलना फ्रांस के राफेल और अमेरिका के एफ-16 से होने लगी है। ‘अपना देश अपने हथियार’ पार्ट-2 में आज बात HAL Tejas MK2 की।
HAL तेजस की क्या कहानी है?
देश में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तैयार करने का कार्यक्रम अस्सी के दशक में शुरू हुआ। इन्हें मिग-21 की जगह लेनी थी जो रूस में बने थे। नब्बे के दशक में डिजाइन को मंजूरी मिली और 21वीं सदी की शुरुआत में प्रोटोटाइप भी बनकर तैयार हो गया। 2003 में टेस्टिंग शुरू हुई। उसी साल तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे ‘तेजस’ नाम दिया। और 2011 में एयरफोर्स ने ऑपरेशनल क्लियरेंस दिया। फरवरी 2019 में तेजस को पूरी तरह IAF का हिस्सा बना दिया गया।
LCA तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने डिजाइन और डिवेलप किया है। यह सिंगल-सीटर एयरक्राफ्ट है। 43.3 फीट लंबा, 26.2 फीट चौड़ा और 14.4 फीट ऊंचा है। इसकी फ्यूल कैपेसिटी 3,400 किलोग्राम है। अपनी कैटिगरी में यह सबसे हल्का सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसे एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस, प्रिसिजन गाइडिंग और स्टैंडऑफ वेपंस ले जाने के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
तेजस पर अधिकतम 4 टन का पेलोड ले जाया जा सकता है। 1.8 माच तक की अधिकतम रफ्तार वाले तेजस की जनरल रेंज 850 किलोमीटर है। 2024-25 तक भारतीय वायुसेना को 123 तेजस एयरक्राफ्ट डिलिवर किए जाने हैं।
Tejas Mk-2 मध्यम-वजन का एयरक्राफ्ट है। इसकी लंबाई 14.6 मीटर होगी। विंगस्पैन तेजस से कम होगा और ऊंचाई 8.5 मीटर रहेगी। तेजस एमके-2 की रेंज 3,500 किलोमीटर है। यह करीब 2,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरेगा। तेजस मार्क-2 पर 6.5 टन का पेलोड लादा जा सकता है। तेजस एमके-2 में Spice-2000, Scalp और Crystal Maze जैसे वेपन सिस्टम लगे होंगे। एयर-टू-एयर कॉम्बैट के लिए तेजस Mk2 में अस्त्र मार्क 1 और अस्त्र मार्क 2 मिसाइल्स भी होंगी।
तेजस MK2 Vs राफेल: कौन पड़ेगा भारी?
तेजस एमके2 के ऐलान के साथ ही उसकी तुलना फ्रांस के राफेल जेट से होने लगी थी। हो भी क्यों न! तेजस एमके2 में क्या खूबियां होंगी, यह तो आपने जान लीं। तेजस की तरह राफेल भी मल्टीरोल फाइजर जेट है। 15.27 मीटर लंबे और 10.8 मीटर विंगस्पैन वाले राफेल की फ्यूल कैपेसिटी 4,700kg है। इसका कॉम्बैट रेंज 3,700 किलोमीटर है। राफेल अधिकतम 2,00 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है। भारत को मिले राफेल में Meteor, Hammer, Mica जैसी मिसाइलें लगी हैं।
तेजस MK2 Vs F-16: कौन बेहतर है?
तेजस एमके-2 का मुकाबला F-16 से भी होगा। पाकिस्तान में पास यह लड़ाकू विमान है। अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमान का उत्पादन 1976 में शुरू हुआ था। अबतक 4,600 से ज्यादा F-16 बनाए जा चुके हैं। यह कई तरह के रॉकेट्स, मिसाइल्स और बम ले जा सकता है। F-16 की लंबाई 15 मीटर और ऊंचाई 5.09 मीटर है। इसका विंगस्पैन 9.44 मीटर है। F-16 अपने साथ 21,272 किलोग्राम लोड ले जा सकता है। F-16 फाइटर जेट की टॉप स्पीड माच 2 है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। F-16 में APG-83 रडार लगा है।