नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को साइप्रस की बेरहायन्दा लि. के सुवेन फार्मास्युटिकल्स में 9,589 करोड़ रुपए तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी। कंपनी इस राशि का इस्तेमाल क्षमता विस्तार पर करेगी जिससे रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह मंजूरी अनिवार्य खुली पेशकश के माध्यम से मौजूदा प्रवर्तक शेयरधारकों और सार्वजनिक शेयरधारकों से शेयरों के हस्तांतरण के माध्यम से बेरहायन्दा लि. द्वारा सुवेन फार्मास्युटिकल्स के 76.1 प्रतिशत शेयर के अधिग्रहण के लिए है।
प्रस्ताव का आकलन बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य संबंधित एजेंसिया कर चुकी हैं। बयान के अनुसार, सुवेन में कुल विदेशी निवेश 90.1 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। बयान के अनुसार, बेरहायन्दा लिमिटेड में संपूर्ण निवेश एडवेंट फंड्स के पास है, जो विभिन्न लिमिटेड पार्टनर्स (एलपी) से निवेश एकत्र करता है। एडवेंट फंड्स का प्रबंधन अमेरिका में निगमित इकाई एडवेंट इंटरनेशनल कॉरपोरेशन द्वारा किया जाता है। 1984 में स्थापित एडवेंट इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ने 42 देशों में लगभग 75 अरब डॉलर का निवेश किया है।
एडवेंट इंडिया ने 2007 में भारत में निवेश शुरू किया और यह अबतक स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाओं, औद्योगिक विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तुओं और आईटी सेवा क्षेत्रों की 20 भारतीय कंपनियों में लगभग 34,000 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी है। बयान के अनुसार, “अनुमोदित निवेश का लक्ष्य नई नौकरियां पैदा करना, संयंत्र और उपकरणों में निवेश के माध्यम से भारतीय कंपनी की क्षमता का विस्तार करना है।” प्रस्ताव में कहा गया है कि संबंधित विभागों, आरबीआई और सेबी की तरफ से प्रस्ताव की जांच के बाद मंजूरी दी गई है। यह इस संबंध में लागू सभी नियमों के पूरा होने पर निर्भर है। औषधि क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले पांच साल (2018-19 से 2022-23) के दौरान 43,713 करोड़ रुपए रहा है। पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र के एफडीआई में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।