अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में श्रद्धालुओं को उनकी पसंद का भोजन मिलेगा़ जो बिल्कुल निश्शुल्क होगा। कहीं पर पूड़ी सब्जी, छोला भटूरा तो कहीं-कहीं इडली दोसा, पाव भाजी भी होगी। कुछ स्थलों पर दाल बाटी चूरमा का अस्वाद भी भक्त ले सकेंगे। ये विविध व्यंजन भारत की विविधता में एकता के स्वरूप को प्रदर्शित करने वाले होंगे। इस उत्सव में देश-विदेश के अतिथि व श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।
इस मौके पर संचालित होने वाली भोजन व्यवस्था को अलग-अलग प्रदेशों के विशेषज्ञ संभालेंगे। इसमें उत्तर भारत के अलावा दक्षिण भारत के लोकप्रिय व्यंजन परोसे जाएंगे। रामनगरी के 15 स्थलों पर भंडारा संचालित होगा, जहां नित्य एक लाख श्रद्धालु भोजन कर सकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव 15 से 24 जनवरी के मध्य होगा। 22 को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। लगभग सात हजार अतिथि शामिल होंगे।
यहां के कुछ स्टालों पर पूड़ी, साग व हलुआ, तो कहीं-कहीं पर पंजाबी भक्तों के लिए छोला, भटूरा, हलुवा, पराठा सुलभ रहेगा। महाराष्ट्र की पावभाजी, राजस्थान की दाल बाटी व चूरमा के अतिरिक्त तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश व केरल की खास इडली, डोसा व सांभर भी मिलेगा। दरअसल नब्बे के दशक में हुए मंदिर आंदोलन में कुछ मौको पर कारसेवकपुरम में भंडारा संचालित हुआ था, जिसमें देश व्यापी भोज्य पदार्थों की विविधता थी। इस पर भी सभी प्रांतों के लोगों के अनुरूप उन्हें कुछ भोजन उपलब्ध कराने की योजना है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले भक्तों को समुचित आवास व भोजन दिया जा सके। इसके लिए कई अलग-अलग प्रांतों के बड़े भोजनालय संचालक संपर्क में हैं। कई भंडारे ऐसे हो सकते हैं, जहां प्रदेश विशेष का भोज्य पदार्थ भी मिले। समग्र भोजन की व्यवस्था के समन्वय की जिम्मेदारी विहिप के केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह को दी गई है। उन्होंने बताया कि भंडारों की संख्या पर अंतिम रूप से निर्णय नवंबर के दूसरे सप्ताह में हो जाएगा।