हुबली : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कर्नाटक पुलिस ने राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 3 दशक पुराने मामले की जांच शुरू की है. मंदिर आंदोलन से जुड़े 30 साल पुराने केस की जांच शुरू करते हुए हुबली पुलिस ने राम मंदिर कार्यकर्ता महंत पुजारी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. उस पर आरोप है कि वह 1992 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान कथित तौर पर तोड़फोड़ में शामिल था.
कर्नाटक पुलिस द्वारा राम मंदिर आंदोलन कार्यकर्ता के खिलाफ 3 दशक पुराने मामले की जांच करने पर विवाद खड़ा हो गया है. राज्य पुलिस के इस कदम के बाद भाजपा ने अब राज्य में कांग्रेस सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है और आरोप लगाया है कि सरकार भव्य उद्घाटन से पहले राम भक्तों को डरा रही है.
पुलिस की इस कार्रवाई को बीजेपी राज्य की कांग्रेस सरकार हिंदू कार्यकर्ता के मन में भय पैदा करके राममंदिर में रामलला मूर्ति प्रतिष्ठापना कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने की साजिश बता रही है.
गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस मसले पर राजनीति करने को गलत बताया है. हुबली पुलिस आयुक्त ने हालांकि स्पष्ट किया कि नियमित प्रक्रिया के तहत उन्होंने 37 मामले उठाए हैं, जो 30 वर्षों से लंबित थे, जिनमें से एक राम मंदिर के दौरान हुए दंगे से संबंधित था, जिसमें कुल 13 आरोपी थे, लेकिन यह विशेष व्यक्ति कभी पेश नहीं हुआ.