नई दिल्ली: वसंत की रंग-बिरंगी छटा जल्द गायब होने वाली है। दिल्ली-NCR में फरवरी खत्म होते-होते ही इतनी गर्मी पड़ने लगी है कि फूल मुरझा रहे हैं। सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से सात डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 14.1 डिग्री रहा। यह भी सामान्य से दो डिग्री अधिक है। मौसम विभाग का कहना है कि मार्च में और गर्मी पड़ेगी। बुधवार यानी 1 मार्च को हल्की बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है। इस दौरान तेज हवाएं चल सकती हैं। हालांकि, उसके बाद से तापमान फिर बढ़ने लगेगा। आसमान साफ रहने और कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिन में खासी गर्मी हो रही है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इसकी वजह से तापमान में अभी से इजाफा देखने को मिल रहा है। स्काईमेट वेटर के जीपी शर्मा ने एक टीवी चैनल से कहा कि मैदानी इलाकों में बारिश कम हुई है। इसका असर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक में पड़ेगा।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 2022 देश का पांचवां सबसे गर्म साल था। 66 दिन लू में बीते। नैशनल डिजास्टर मैनेजेंट अथॉरिटी (NDMA) के अनुसार, 2015 से लेकर 2020 के बीच लू से प्रभावित राज्यों की संख्या में दोगुने से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है। 21 फरवरी को मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी कि उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से 3-5 डिग्री ज्यादा तापमान रहेगा। उसी दिन दिल्ली में फरवरी की गर्मी ने पांच दशक से भी पुराना रेकॉर्ड तोड़ दिया। लू की चेतावनी इस साल हफ्तों पहले ही जारी कर दी गई।
भारत में लू कहां से आती है?
- लू के बनने में कई फैक्टर्स अहम भूमिका निभाते हैं। द हिंदू ने अपनी एक रिपोर्ट नेचर जियोसाइंस में छपी स्टडी का हवाला दिया है। इसके मुताबिक, वसंत में हवा आमतौर से पश्चिम-उत्तर पश्चिम से आती है।
- भारत के लिए यह अच्छी बात नहीं है क्योंकि मिडल ईस्ट ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है और भारत आने वाली गर्म हवा का सोर्स वही है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पहाड़ों से होती हुई हवा भी दबाव में गर्म हो जाती है।
- समुद्र के मुकाबले धरती काफी तेजी से गर्म होती है। ऐसे में माना जाता है कि समुद्र से आने वाली हवा ठंडी होगी। हालांकि, अरब सागर बाकी समुद्री बेसिन के मुकाबले ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है।
- सतह के करीब वाली हवा भी कम्प्रेस होकर गर्म हो जाती है और फिर लू चलती है। ग्लोबल वार्मिंग भी लू के लिए जिम्मेदार है।
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देश में बढ़ रहीं तीव्र मौसमी घटनाएं
जलवायु परिवर्तन की वजह से तीव्र मौसमी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। भारत में 2022 में 365 दिनों में मौसम से जुड़ी 314 तीव्र मौसमी घटनाएं हुई। कहीं भयंकर बारिश, बाढ़ और भूस्खलन हुआ तो कहीं तूफान आया, आकाशीय बिजली गिरी और बादल फटा। इन घटनाओं में 3026 लोगों की जान गई। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने इन घटनाओं को ट्रैक किया और रिपोर्ट तैयार की।