नई दिल्ली: गुजरात में गांधीनगर की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा आसाराम बापू को एक महिला शिष्या के साथ रेप के मामले में सोमवार को दोषी ठहराया। आसाराम के खिलाफ यह मामला 2013 में दर्ज किया गया था। सेशन जज डी के सोनी मंगलवार को सजा सुनाएंगे। गांधीनगर एडिशन डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट मंगलवार सुबह 11 बजे सजा का सुनाएगी। अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह दूसरे आरोपियों को बरी कर दिया। अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार रेप किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी।
पब्लिक प्रॉसिक्युटर आर. सी. कोडेकर ने सोमवार को कहा कि अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया। आसाराम को अवैध रूप से बंधक बनाने और दूसरी धाराओं में दोषी ठहराया। विवादित बाबा फिलहाल रेप के अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। सूरत की रहने वाली एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ रेप और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। एक आरोपी की मुकदमा पेंडिंग रहने के दौरान मौत हो गई। जुलाई 2014 में मामले में चार्जशीट दायर की गई थी।
चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें एक या एक से अधिक समूह में बलात्कार, सामान्य इरादे, अप्राकृतिक अपराध, महिलाओं पर आपराधिक बल, गलत तरीके से बंधक बनाना और आपराधिक धमकी देना शामिल है।
आसाराम एक अन्य बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में जोधपुर जेल में है, सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ बलात्कार किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।